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Jasprit Bumrah: भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुवाई करने वाले जसप्रीत बुमराह ने कहा है कि इंग्लैंड के अति आक्रामक रवैये ‘बैजबॉल’ से उन्हें फायदा हो सकता है और पांच मैचों की आगामी टेस्ट सीरीज में उन्हें ‘ढेरों’ विकेट मिल सकते हैं. न्यूजीलैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स के नेतृत्व में इंग्लैंड की आक्रामक होकर खेलने की रणनीति ‘बैजबॉल’ की कड़ी परीक्षा होगी, जब टीम सात सप्ताह के दौरे पर भारत का सामना करेगी. सीरीज का पहला टेस्ट गुरुवार 25 जनवरी से हैदराबाद में खेला जाना है. 
कप्तानी पर दिया बयान
भारत की कप्तानी के संदर्भ में इस 36 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा, ‘मैंने एक मैच में ऐसा किया और यह काफी सम्मान की बात थी.’ ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजी कप्तान के रूप में शानदार प्रदर्शन करने वाले पैट कमिंस से प्रेरणा लेते हुए बुमराह मौका मिलने पर भविष्य में नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा है, कप्तानी करना और भी बेहतर था. हां, हम हार गए लेकिन हम मैच में आगे थे और मुझे जिम्मेदारी पसंद है. कभी-कभी एक तेज गेंदबाज के रूप में आप फाइन लेग पर जाते हैं और सब कुछ भूल जाते हैं, लेकिन मुझे प्रत्येक फैसले में शामिल होना पसंद है.’ 
‘कौन ऐसा नहीं करना चाहेगा…’
बुमराह ने कहा, ‘और मौका मिलने पर कौन ऐसा नहीं करना चाहेगा? (कमिंस) ऑस्ट्रेलिया के लिए ऐसा कर रहा है. बहुत सारे तेज गेंदबाजों ने पहले ऐसा नहीं किया है.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह एक अच्छा उदाहरण है कि तेज गेंदबाज चतुर होते हैं, वे कड़ी मेहनत करते हैं और वे जानते हैं कि खेल में क्या करना है.’ पांच बार की आईपीएल चैंपियन मुंबई इंडियंस के लिए शानदार प्रदर्शन करके भारतीय टीम में जगह बनाने के बावजूद बुमराह टेस्ट क्रिकेट को शीर्ष फॉर्मेट मानते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं उस पीढ़ी का हूं जहां टेस्ट क्रिकेट राजा है.’ 
टेस्ट क्रिकेट को लेकर कही ये बात
बुमराह ने कहा, ‘मैं हमेशा इसके (टेस्ट क्रिकेट के) आधार पर अपना मूल्यांकन करूंगा. हां, मैंने आईपीएल से शुरुआत की थी, लेकिन मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के माध्यम से गेंदबाजी करना सीखा, यहीं पर मैंने अपना कौशल निखारा, विकेट लेने की कला विकसित की. टेस्ट क्रिकेट में आपको बल्लेबाज को आउट करना होता है और इससे एक गेंदबाज के रूप में आपको चुनौती मिलती है.’ हालांकि, बुमराह ने कहा कि सभी प्रारूपों की अपनी जगह है. उन्होंने कहा, ‘सभी प्रारूपों की अपनी जगह है. काफी अधिक टेस्ट क्रिकेट उबाऊ हो सकता है. सफेद गेंद के काफी अधिक क्रिकेट के साथ भी ऐसा ही है. मुझे लगता है कि किसी एक प्रारूप की अधिकता की जगह खेल को सभी कुछ थोड़ा-थोड़ा चाहिए.’
(एजेंसी इनपुट के साथ) 

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