[ad_1]

अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ: आपने अक्सर थानों के अंदर बजरंगबली और भगवान शिव की मंदिर बनी हुई देखी होंगी. लोगों से कहते सुना होगा कि थानों में मंदिरें इसलिए होती हैं ताकि कोई फरियादी परेशान होकर के आए तो यहां पर मत्था टेक ताकि उसे बार-बार थानों के चक्कर न काटने पड़े. लेकिन यह कितना सही है और आखिर क्यों थानों के अंदर मंदिर होती है इसके पीछे का दिलचस्प कारण है. पूर्व आईपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश एसटीएफ के फाउंडर राजेश पांडेय ने बताया कि कभी भी कोई भी अधिकारी थानों में मंदिर या मस्जिद के निर्माण का मौखिक क्या लिखित आदेश नहीं दे सकता और ना आज तक किसी ने दिया है.

उन्होंने बताया कि ब्रिटिश काल के जो थाने हैं, उनके अंदर मंदिर और मस्जिद देखने के लिए मिलेंगी. उन्होंने बताया कि जौनपुर का बक्सा थाना, जहां पर मजार बनी हुई है. सोनभद्र का पन्नूगंज थाने में मंदिर मस्जिद दोनों ही है, जबकि रायबरेली में खीरों थाना है, जहां पर बड़ी मंदिर बनी है और यहां पर मेला भी लगता है. इसी तरह लखनऊ की चौक कोतवाली समेत तमाम स्थानों में मंदिर हैं.

यह है मुख्य वजहपूर्व आईपीएस अधिकारी ने बताया कि थानों में मंदिर या मस्जिद लोगों की आस्था और संस्कृति का प्रभाव होने की वजह से ऐसा होता है. कई बार थानों के आसपास जब मंदिर नहीं होती है तो वहां पर आने वाला थाना अध्यक्ष सभी पुलिस वालों और अपने लिए भी मंदिर का निर्माण करते हैं. ताकि रोजाना उनका पूजा पाठ होता रहे. कभी-कभी थानों में यह अंधविश्वास फैला दिया जाता है कि थाने में आने वाला पुलिस अधिकारी ज्यादा वक्त तक थाने में नहीं टिक पाता तो ऐसे में भी डर की वजह से लोग मंदिर का निर्माण करा देते हैं. अब जो थाने नए बन रहे हैं, उनमें किसी भी तरह की मंदिर और मस्जिद आपको नहीं मिलेंगी.

एक वजह यह भी हैउन्होंने बताया कि बहुत साल पहले इलाहाबाद में एक बड़े अधिकारी आए थे. उन्होंने यह मौखिक रूप से कहा था कि प्रदेश के सभी थानों में मंदिर होनी चाहिए और उसके बाहर लिखा होना चाहिए‌ परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्। अर्थ है सज्जन पुरुषों के कल्याण के लिए और दुष्कर्मियों के विनाश के लिए पुलिस यहां है. इससे लोगों का विश्वास पुलिस और थानों पर बढ़ेगा. थानों में मंदिर होने की एक वजह यह भी है.
.Tags: Local18, Lucknow news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 17:25 IST

[ad_2]

Source link