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IND vs AUS 4th Test Match: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border–Gavaskar Trophy) का आखिरी टेस्ट मैच टीम इंडिया के लिए काफी अहम रहने वाला है. टीम इंडिया इस सीरीज में फिलहाल 2-1 से आगे है. अब सीरीज का आखिरी मैच 9 मार्च से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा. इस मैच से पहले एक बड़ा अपडेट सामने आया है. भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा इस मैच में एक युवा खिलाड़ी का डेब्यू करवा सकते हैं. ये खिलाड़ी पहली बार भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा बना है. कहानी अभी बाकी हैलाइव टीवी
चौथे टेस्ट मैच से पहले सामने आया बड़ा अपडेट
केएस भरत (KS Bharat) के वर्तमान बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बल्लेबाजी में लचर प्रदर्शन किया है. वहीं, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए अनुकूल मानी जा रही है, ऐसे में भारतीय टीम प्रबंधन चौथे और आखिरी टेस्ट मैच के लिए झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) को प्लेइंग 11 में शामिल कर सकता है. केएस भरत (KS Bharat) को पिछले एक साल से ऋषभ पंत के बैकअप के रूप में तैयार किया जा रहा था और वह भारत ए टीम के नियमित सदस्य रहे. वह हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में 8, 6, नाबाद 23, 17 और 3 का स्कोर ही बना पाए.
हेड कोच राहुल द्रविड़ ने करवाया अभ्यास
धीमे और टर्न लेते विकेटों पर उनकी विकेटकीपिंग हालांकि प्रभावशाली रही. यह अलग बात है कि इंदौर में वह कुछ गेंदों पर गच्चा खा गए थे. लेकिन पांच पारियों में केवल 57 रन बनाना भारतीय टीम के लिए फायदे का सौदा नहीं रहा है वह भी तब जबकि भारतीय बल्लेबाज टर्निंग पिचों पर रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं. मंगलवार को नेट पर अभ्यास के दौरान हेड कोच राहुल द्रविड़ ने ईशान किशन (Ishan Kishan) के साथ काफी समय बिताया. भारतीय टीम का नेट सेशन हालांकि टीम प्रबंधन की सोच को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित नहीं करता. वहीं मंगलवार को वैकल्पिक अभ्यास सेशन में भरत को आराम दिया गया था. 
ईशान किशन विस्फोटक बल्लेबाजी में माहिर
मोटेरा का विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिखता है और यदि उसमें उछाल भी होती है तो वह किशन की आक्रामक शैली की बल्लेबाजी के अनुकूल ही होगा और ऐसे में टीम प्रबंधन उन्हें मौका दे सकता है. ऑस्ट्रेलिया की टीम में दो ऑफ स्पिनर का होना ही किशन के खिलाफ जाता है क्योंकि उन्हें बाहर की तरफ टर्न होती गेंदों को खेलने में परेशानी होती है. लेकिन ऐसा सीमित ओवरों के क्रिकेट में हुआ है जहां उन्हें शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाना पड़ता है. 
(INPUT- PTI)
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