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संजय यादव/बाराबंकी : बाराबंकी जिले के किसान नई तकनीक से खेती की शुरुआत की है. जिसमें उन्हें लागत कम मुनाफा अच्छा हो रहा है. प्राकृतिक रूप से पहले किसान धान, गेहूं की खेती करते थे. अब इन सब से हटकर (आईपीएम) तकनीक से सब्जियों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे है. जिले के कई किसान आईपीएम विधि से सब्जियां उगा रहे हैं. जिससे उनकी आमदनी में लगातार इजाफा भी हो रहा है.

बाराबंकी जिले की तहसील फतेहपुर के सरसौंदा निवासी सतीश चंद्र वर्मा ने आईपीएम तकनीक से सब्जियों की खेती के माध्यम से अपनी आय के साथ-साथ अपने परिवार का पालन-पोषण भी कर रहे हैं. आईपीएम तकनीक के प्रयोग से फसलों को नष्ट करने वाले कीटों को नियंत्रण करने के लिए लाल-पीले , नीले, और सफ़ेद स्टिकी ट्रैप, लाइट ट्रैप व् स्पाइन बुश नियंत्रण अपने खेतों में लगाकर हानिकारक रासायनिक उर्वरक मुक्त खेती कर शुद्ध सब्जिया ऊगा रहे हैं. इन सब्जियों में जैविक खाद का प्रयोग से गोभी, ब्रोकली, टमाटर, खीरा, शिमला, मिर्च आदि सब्जियों की अच्छी पैदावार कर जिले में स्वादिष्ट एवं पौष्टिक सब्जियों की खेती कर जिले के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं.

क्या है आईपीएम तकनीककिसान दिनेश चंद्र वर्मा ने बताया कि हम आईपीएम विधि से दो वर्षों से खेती कर रहे हैं. जिसमें गोभी, ब्रोकली, शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा आदि की खेती करता हूं. इसमें जो खतरनाक कीड़े होते हैं. इस स्टिक पर ट्रैप हो जाते हैं. यह स्टिक कई कलर की होती है. लाल, नीली, पीली में आती है. इसके साथ सोलर ट्रैप होता है. इसे लगाकर हमने बहुत अच्छी खेती की है. इसको लगाने से कीटनाशक दवाइयां नहीं डालनी पड़ती और जो सब्जियां होती हैं उनकी पैदावार अच्छी होती है और वह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होती हैं.

नहीं करना पड़ता रसायनों का प्रयोगसहायक निदेशक कृषि नरेंद्र वर्मा ने बताया कि आज हमारे किसान भाई आईपीएम विधि से जो खेती कर रहे हैं. इससे पैदा होने वाली सब्जियां जहरीली नहीं होती और हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होती हैं. आईपीएम विधि से खेती करने से कीटनाशक भी नहीं डालनी पड़ती.
.Tags: Barabanki News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : November 21, 2023, 22:20 IST

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