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अमित सिंह/प्रयागराज. ब्रह्ममूर्त में सबसे ज्यादा चहचहाने वाली गौरैया अब विलुप्त प्राय श्रेणी में है. शहरों में इसके समूहों को अब नहीं देखा जा रहा है. ऐसे में प्रयागराज झलवा में एक घर ऐसा भी है जिसे पूरी तरह गौरैया और पशु पक्षियों के लिए समर्पित कर दिया गया है. खास बात यह है उस घर का नाम भी ” गौरैया गांव ” रखा गया है और जैसे ही आप इस घर मे प्रवेश करेंगे घर के हर कोने में घोसला दिख जाएगा. इतना ही उनके खाने के लिए दाना पानी की नियमित देखभाल की जाती है.

इस आधुनिक युग में वास्तविक रूप से जीवों के प्रेम करने वाले विकास बागी ने बताया कि इस कार्य को करने के लिए उनका एक उद्देश्य है कि मानव इनके प्रति सच्ची भावनाएं व्यक्त करें. घरों में जितना अधिकार रहने का हमारा होता है उतना इनका भी होता है. यह कंक्रीट बनने से पहले पेड़ हुआ करते रहे होंगे. ऐसे में हम आधुनिकता की आड़ में इन्हें वास्तविक जगह नहीं दे पाते हैं.

गौरैया अब हमारे परिवार का हिस्सा

विकास ने आगे बताया कि पर्यावरण और पशु पक्षियों का प्रेम यह हमारे जीवन के अभिन्न अंग होते हैं. 2018 में जब हमारे घर का निर्माण हो रहा था, तब से दो चार गौरैया आने लगी थी. मैंने उनके लिए छत पर पानी और दाने की व्यवस्था कर दी. दूसरे दिन देखा तो यह संख्या 10 के पार हो गई. मुझे भी देख कर खुशी हुई. इधर घर बन रहा था, उधर उनकी संख्या में भी इजाफा हो रहा था.

घर में 100 से अधिक घोंसले 

उन्होंने बताया कि इसके बाद घोंसले बनाने का काम शुरू किया और 100 से अधिक घोंसले घर के हर कोने दीवारों में लगाए. खास बात यह है कि हर घोसले में आपको पक्षी दिख जाएंगे. 500 से अधिक पक्षी इस गोरिया गांव में परिवार की तरह रहते हैं.
.Tags: Allahabad news, Latest hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 19, 2023, 12:47 IST

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