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नई दिल्ली: टीम इंडिया के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने हाल ही में कप्तानी से इस्तीफा देकर वर्ल्ड क्रिकेट को हैरान कर दिया था. टेस्ट में विराट कोहली का बेहद शानदार रिकॉर्ड है. इसके बावजूद टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने विराट कोहली (Virat Kohli) को महान कप्तानों की लिस्ट में नहीं रखा है. मांजरेकर ने इसकी वजह भी बताई है.
कोहली को किया बेस्ट कप्तानों की लिस्ट से बाहर
संजय मांजरेकर ने कहा कि भारत के महान कप्तानों की लिस्ट में महेंद्र सिंह धोनी को सबसे ऊपर रखना चाहिए. टीम इंडिया के अबतक के सबसे सफल कप्तानों की बात की गई तो मांजरेकर ने कहा कि कपिल देव ने भारत को उनकी हीन भावना से उबरने में मदद की, वहीं सौरव गांगुली ने मैच फिक्सिंग के बाद शानदार तरीके से टीम का नेतृत्व किया. मांजरेकर ने भी सुनील गावस्कर की तारीफ करते हुए कहा कि ये क्रिकेटर विराट कोहली से बेहतर लीडर थे.
बताया कौन हैं महान कैप्टन
एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते समय टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भारत की कप्तानी करने वाले महान खिलाड़ियों के बारे में सवाल किया गया. जिस पर मांजरेकर ने कहा, ‘जब हम सर्वकालिक महान खिलाड़ियों के बारे में बात करते हैं, तो इसमें धोनी को नहीं गिनना बहुत अनुचित होगा.’
मांजरेकर ने कहा, ‘कपिल देव ऐसे समय में जब विश्व स्तर पर हीन भावना थी. मैच फिक्सिंग के दौर के बाद सौरव गांगुली ने भारत को कुछ विदेशी जीत दिलाई. सुनील गावस्कर भी. तो ये सभी महान लीडर हैं. ये ऐसे लोग हैं जो मेरा मानना ​​है कि विराट कोहली से बेहतर कप्तान रहे हैं, जो अपने आप में बहुत अच्छे रहे हैं.’
कोहली के रवैये पर दिया बड़ा बयान 
इसके बाद संजय मांजरेकर ने बतौर कप्तान विराट कोहली के रवैये की तारीफ की. मांजरेकर ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल का जिक्र करते हुए कहा कि भले ही टीम इंडिया फाइनल हार गई हो, लेकिन अंत तक लड़ने का जज्बा विराट कोहली से आया है. मांजरेकर ने कहा, ‘जब आप कोहली को देखते हैं, तो उसके बारे में बहुत सी चीजें पसंद आती हैं क्योंकि वह ऐसा व्यक्ति है जो उदाहरण के लिए नेतृत्व करता है, उन्होंने भारत का मनोबल ऊंचा रखा है.’
परिणाम नहीं आ रहे थे
मांजरेकर ने कहा, ‘यही आपको विराट कोहली के साथ मिलता है, कभी न हारने वाला रवैया. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत हार गया, लेकिन आखिरी मिनट तक विराट कोहली के जरिए भारत खेल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था. लेकिन अंत में, आपको परिणामों के बारे में बात करनी होगी. परिणाम नहीं आ रहे थे.’

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