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ऋषभ चौरसिया/लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी अपनी नज़ाकत, नफासत और गंगा-जमुनी तहजीब के लिए प्रसिद्ध है. यह शहर धर्मों की सीमाओं को पार करने की एक अनोखी मिसाल पेश करता है. लखनऊ का एक बाजार, जहां मुस्लिम शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. यह वो बाजार है जहां लकड़ी के बने अद्वितीय मंदिरों की खोज में आने वाले ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है.

शिल्पकार अकील अहमद ने बताया कि उनका कारोबार मंदिर निर्माण का है और वे इसे लेबर रेट पर करते हैं. यहां की सभी दुकानें मुस्लिम भाइयों की हैं, जो लकड़ी के मंदिर बनाकर अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रहे हैं. अहमद ने बताया कि यहां हर साइज के मंदिर बनते हैं और बिकते हैं, चाहे कोई छोटा सा मंदिर हो या बड़ा उनके पास हर प्रकार के मंदिरों के डिजाइन हैं.

अगर कोई ग्राहक अपने अनुसार मंदिर बनवाना चाहता है, तो वह भी संभव है. इन शिल्पकारों का कहना है कि वे मंदिर बनाने का काम अपने मजदूरी दर पर करते हैं, उनका उद्देश्य सिर्फ अपनी कला को सम्मानित करना और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करना है.

यहां है बाजार

इस बाजार की खासियत यह है कि यहां के शिल्पकार अपने काम को एक कला के रूप में देखते हैं और उनका उद्देश्य अपने ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सबसे अच्छा उत्पाद प्रदान करना है. इस बाजार में आपको एक से बढ़कर एक बेहतरीन मंदिरों के डिजाइन देखने को मिलेंगे, जो आपकी आवश्यकताओं और इच्छाओं को पूरा करेंगे. आप भी लेना चाहते है इस बाजार से मंदिर तो आप को आना होगा निशातगंज, तकिया वाली मार्केट, आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब द्वारा आसानी से पहुंच सकते.
.Tags: Local18, Lucknow news, UP newsFIRST PUBLISHED : July 14, 2023, 22:47 IST

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