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सृजित अवस्थी/पीलीभीत : उत्तरप्रदेश का पीलीभीत टाइगर रिजर्व उत्तर भारत के प्रमुख अभ्यारणों में से एक है. पर्यटकों को तो पीटीआर लुभा ही रहा है. लेकिन बाघों को भी तराई के इस जिले की आबोहवा रास आ रही है. बीते 9 सालों में बाघों की संख्या तकरीबन 3 गुना बढ़ गई है .दरअसल, पीलीभीत जिले के वन्यजीव विहार को 09 जून 2014 में भारत के 46वें टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था.

पीलीभीत टाइगर रिजर्व घाघरा व शारदा नदियों से घिरे 73 हजार हेक्टेयर के जंगल में फैला हुआ है. इस टाइगर रिजर्व में बाघ, तेंदुआ व भालू जैसे वन्यजीव बहुतायत में पाए जाते हैं. वहीं यहां हिरणों की भी तमाम प्रजातियां पाई जाती है. टाइगर रिज़र्व बनने के बाद से इस जंगल में बेहतरीन ढंग से बाघ संरक्षण का काम किए जा रहे हैं. यही कारण है कि बीते कुछ सालों में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में बाघों का कुनबा तेज़ी से बढ़ रहा है. बाघों की बढ़ती संख्या के चलते देश-दुनिया के सैलानियों व वन्यजीव प्रेमियों के बीच पीलीभीत टाइगर रिज़र्व अपनी अलग पहचान बना रहा है.

पीटीआर में कितनी है बाघों की संख्या ?अगर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में सन 2006 में महज 4 बाघ थे. वहीं 2010 में यह संख्या बढ़ कर 14 हो गई थी. 2014 में टाइगर रिजर्व की घोषणा के दौरान यह कुनबा बढ़ कर 25 बाघों का हो गया था. इसके बाद बेहतरीन सुरक्षा व संरक्षण के दम पर यह संख्या महज 4 सालों में 65 पहुंच गई थी. हाल ही में एनटीसीए द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब 71 से भी अधिक बाघ पीलीभीत टाइगर रिजर्व की शोभा बढ़ा रहे हैं.
.Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 29, 2023, 18:39 IST

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