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शाश्वत सिंह/झांसी. भारत जितना अपने पर्वतों के लिए मशहूर है, उतना ही अपने पर्वतारोहियों के लिए भी जाना जाता है. पर्वत पर चढ़ना एक बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण काम होता है. हर व्यक्ति यह काम नहीं कर पाता, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बहुत कम उम्र में ही पर्वतारोही बन जाते हैं. ऐसे ही झांसी के रहने वाले 25 वर्षीय फरहान हाशमी भी हैं, जो झांसी के सबसे पहले और युवा पर्वतारोही हैं. अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस पर फरहान हाशमी ने अपने पर्वतारोहण का अनुभव न्यूज 18 लोकल के साथ साझा किए.बचपन से था पहाड़ों से लगावफरहान ने बताया कि बचपन में ही उनकी रुचि खेलों में थी.वह स्काउट गाइड के सदस्य भी थे.स्काउट के दौरान वह अक्सर कैंपिंग के लिए जाया करते थे.यहीं से उन्हें पहाड़ों से लगाव हो गया और उन्होंने पर्वतारोही बनने का निर्णय लिया. इसकी शुरूआत पहले उन्होंने बुंदेलखंड की पहाड़ियों से किया.इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड की पहाड़ियों की चढ़ाई की.आखिर बार उन्होंने माउंट पंगाचूला की चढ़ाई की थी.जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 15 हज़ार फीट है.

शारीरिक के साथ मानसिक तैयारी भी जरुरीफरहान ने बताया कि पर्वतारोहण शुरु करने से पहले व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रुप से तैयार होना होता है. शारीरिक रूप से मजबूत होने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित योगा भी करते रहना चाहिए. जब तापमान -22 डिग्री सेल्सियस रहता है तो आपका खून भी जम सकता है. इसलिए ऐसी मुश्किलों के लिए खुद को मानसिक रुप से तैयार रखें.

पहाड़ों को कीजिए प्लास्टिक मुक्तफरहान ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य माउंट एवरेस्ट है.वह इसके लिए तैयारी भी कर रहे हैं.पर्वतारोही बनने की इच्छा रखने वाले बच्चों और युवाओं को संदेश देते हुए फरहान ने कहा कि आप जब भी पहाड़ पर जाएं तो वहां प्लास्टिक बिल्कुल भी न फेंके.बल्कि, आप वहां से प्लास्टिक उठा कर ले आएं.इसके साथ ही फरहान ने बताया कि जो युवा पर्वतारोही बनना चाहते हैं, वह उन्हें मुफ्त ट्रेनिंग भी देंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Jhansi news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : December 11, 2022, 15:43 IST

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