[ad_1]

अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. देश दुनिया में आज एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ इमारतें और पुलों का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन आए दिन देखने को मिलता है कि बिल्डिंग और ब्रिज बनने के बाद काफी कम समय में क्षतिग्रस्त या फिर टूट जाते हैं. हालांकि यूपी के कानपुर में एक 100 साल से ज्‍यादा पुराना पुल आज भी दमखम के साथ खड़ा हुआ है. यह पुल सिर्फ पुल नहीं बल्कि इंजीनियरिंग का एक नायाब नमूना है .इस पुल के नीचे से पाण्डु नदी बह रही है, तो वहीं पुल के ऊपर नहर बह रही है. नीचे नदी ऊपर ने ऐसा नायाब इंजीनियरिंग का नमूना शायद ही आपने कहीं देखा हो. यह पुल ब्रिटिश काल का है. साल 1915 के करीब अंग्रेजों ने अनोखे पुल का निर्माण करवाया था. यह पुल कानपुर के मेहरबान सिंह पुरवा गांव के पास बना हुआ है. बड़े-बड़े इंजीनियर इस पुल की इंजीनियरिंग देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि किस प्रकार से उस वक्त एक नदी के ऊपर पुल बनाकर नहर निकाल दी गई.बिना सीमेंट और सरिया के बना है यह अद्भुत पुलइस पुल की एक खासियत यह भी है कि इसमें सीमेंट और सरिया का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है. उसके बावजूद बीते 100 सालों से यह पुल खड़ा हुआ है. हर कोई अचरज में पड़ जाता है कि आखिर बिना सीमेंट और सरिया के यह पुल कैसे बन गया और कैसे एक नदी के ऊपर नहर निकाल दी गई. वहीं, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग में सहायक अभियंता रहे अरविंद कुमार शुक्ला ने बताया कि यह पुल इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है. जिसमें नीचे नदी बह रही है, तो पुल के ऊपर नहर बह रही है. वहीं, एक और रास्ता है जिससे लोग आवागमन करते हैं. उन्होंने बताया कि पुल में सीमेंट और सरिया के बजाए ईट, दाल, चूने और गुड़ के साथ तैयार किया गया है.बता दें कि इस पुल पर लोग प्रीवेडिंग की फोटोग्राफी भी कराने के लिए पहुंचते हैं, तो तमाम युवा भी फोटोग्राफी के लिए पहुंचते हैं. इस पुल की बनावट किसी फिल्मी सेट के पूल जैसी लगती है. यकीनन कानपुर का यह पुल अद्भुत है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : April 25, 2023, 10:05 IST

[ad_2]

Source link