[ad_1]

Commonwealth Games: भारत साल 1934 से ही कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहा है. तब से सिर्फ एक बार कॉमनवेल्थ गेम्स साल 2010 में भारत में हुए. तब भारत की राजधानी नई दिल्ली ने कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी. नई दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के लिए सबसे सफल साबित हुए हैं. 2010 में भारत ने 101 मेडल के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था. 
भारत ने हासिल किया था दूसरा स्थान 
कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में भारत ने 101 पदक जीते थे. इनमें 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल थे. भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में सबसे सफल खेल शूटिंग रहा है. भारतीय शूटर्स हमेशा से ही सोने पर निशाना साधते आए हैं, लेकिन बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स शूटिंग को शामिल नहीं किया गया है. साल 2010 में भारत ने शूटिंग में 30 मेडल हासिल किए थे, जिसमें 14 गोल्ड शामिल थे. 2010 में भारतीय पहलवानों ने भी कमाल का खेल दिखाया था, जब 21 रेसलर्स में से 19 ने मेडल जीते थे. 
महिलाओं ने रचा था इतिहास 
भारत के कॉमनवेल्थ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी महिला रेसलर ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया हो. गीता फोगाट ने स्वर्ण जीत बड़ा कारनामा किया था. उनकी बहन बबीता फोगाट ने भी सिल्वर मेडल जीता था. 
52 साल बाद मिला था गोल्ड 
भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में सबसे पहला गोल्ड दिग्गज मिल्खा सिंह ने जीता था. मिल्खा सिंह ने ये कमाल 1958 में किया था. उसके बाद 52 साल बाद डिस्क थ्रो में कृष्णा पूनिया ने गोल्ड जीत इतिहास दोहराया था. इस डिस्क थ्रो इवेंट में सिल्वर और ब्रॉन्ज भी भारत के हाथ लगा था. यह पहली बार था जब कॉमनवेल्थ गेम्स के किसी इवेंट में भारत ने तीनों मेडल अपने नाम किए थे.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

[ad_2]

Source link