[ad_1]

हरदोई. हिरण्यकश्यप हरिद्रोही था, इसलिए इस नगरी को हरिद्रोही कहा जाता था, जो आज हरदोई के नाम से जाना जाता है. वहीं यह भी कहा जाता है कि यहां हरि ने दो बार अवतार लिया था. इसलिए हरिद्वई के नाम से जाना गया जो अब हरदोई हो गया. यहां यह भी प्रचलित है कि हिरण्यकश्यप भगवान को शत्रु मानता था, इसलिए उसकी राजधानी में कोई राम का नाम नहीं ले सकता था. इसके लिए उसने ‘र’ शब्द के उच्चारण पर ही प्रतिबंध लगा दिया था. ऐसे में आज भी हरदोई के कई हिस्सों में लोगों की बोलचाल की भाषा में मुह से ‘र’ शब्द नहीं निकलता है. कई हिस्सों में आज भी लोग हरदी को हददी, उरद को उद्द व बर्ध को बद्ध बोलते हैं.
हरदोई में ही हुआ था होलिका का दहनउत्तर प्रदेश के हरदोई जिले को लेकर माना जाता है कि आधुनिक होली के बीज इसी शहर से पड़े थे. आज की हरदोई को तब हिरण्यकश्‍यप की नगरी के नाम से जाना जाता था. हां, वहीं हिरण्यकश्‍यप जो खुद को भगवान से बड़ा बताने लगा था. सबसे पहले ये जान लीजिए की हरदोई नाम कैसे पड़ा. हरि-द्रोही का मतलब था भगवान का शत्रु. हिरण्यकश्‍यप भगवान को बिलकुल नहीं मानता था. इसीलिए हिरण्यकश्‍यप की राजधानी का नाम हरी द्रोही था, जो आज का हरदोई नाम से जाना जाता है.
ये भी पढ़ें- पीलीभीत में मनाई जाती है अनोखी होली, रंग खेलने के साथ हुरियारे देते हैं मुस्लिमों को गाली
प्राचीन काल से ही मान्यता है हरदोई जिले में कुंड के पास ही हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जलकर राख हुई थी और उसके बाद यहां के लोगों ने खुश होकर होली का उत्सव मनाया था. हिरण्यकश्‍यप भगवान विष्णु से शत्रुता और उसका बेटा प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था. इसी बात को लेकर पिता हिरण्यकश्यप पुत्र प्रह्लाद से नाराज रहते थे. उन्होंने अपने बेटे की ईश्वरीय आस्था से नाराज होकर कई बार मरवाने की कोशिश की लेकिन सफल न हुए. हिरणकश्यप की बहन होलिका आग में जल नहीं सकती थी, और हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन को बुलाया और प्रह्लाद का वध करने के लिए कहा.
ये भी पढ़ें- मथुरा में होलिका दहन पर दिखा अद्भुत नज़ारा, धधकती आग में कूद गया पंडा- Video

होलिका की राख उड़ाकर मनाया था उत्सवमंदिर के पुजारी रामविलास तिवारी बताते हैं कि हिरण्यकश्यप ने बहन होलिका से बेटे प्रह्लाद को लेकर अग्निकुंड में बैठने के लिए कहा, जिससे प्रह्लाद जलकर भस्म हो जाए. लेकिन भगवान की कृपा से हुआ उल्टा यानी होलिका जब प्रह्लाद को लेकर अग्निकुंड में बैठीं तो उसकी शक्ति कमजोर पड़ गई, जिसके बाद होलिका खुद जलकर राख हो गई और भक्त प्रह्लाद बच गए. होलिका के जलने के बाद भगवान विष्णु ने नरसिंह का अवतार लिया और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया. होलिका के जलने और हिरण्यकश्यप के वध के बाद लोगों ने यहां होलिका की राख को उड़ाकर उत्सव मनाया. कहा जाता है मौजूदा वक्त में अबीर-गुलाल उड़ाने की परंपरा की शुरुआत यहीं से शुरू हुई.

आपके शहर से (हरदोई)

उत्तर प्रदेश

हरदोई: आज भी ‘र’ शब्द से परहेज करते हैं यहां के लोग, जानें वजह…

UP Police UPPRPB Recruitment 2022: यूपी पुलिस में इन पदों पर अप्लाई करने के बचे हैं कुछ दिन, 10वीं, 12वीं करें अप्लाई, 1.12 लाख होगी सैलरी

Holi 2022: हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल है देवा शरीफ मजार की अनूठी होली, कोने-कोने से यहां होली खेलने आते हैं लोग

Delhi-NCR वालों के लिए यहां और आसान हो गया ट्रैफिक, शुरू हुआ काम  

NCR में बिल्डर्स के अटके तो अथॉरिटी के हाथों-हाथ बिक रहे फ्लैट-प्लाट, जानिए क्यों

मथुरा में होलिका दहन पर दिखा अद्भुत नज़ारा, धधकती आग में कूद गया पंडा- Video

Holi 2022: पीलीभीत में मनाई जाती है अनोखी होली, रंग खेलने के साथ हुरियारे देते हैं मुस्लिमों को गाली

UP Police Constable Recruitment 2022: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती को लेकर बड़ा अपडेट, जल्द शुरू हो सकती है आवेदन प्रक्रिया

Holi In Vrindavan: वृंदावन में लोगों ने जमकर मनाया होली का जश्न, देखें बांके बिहारी मंदिर का Video

Good News: कुशीनगर एयरपोर्ट से अब कोलकाता के लिए भी मिलेगी डायरेक्ट फ्लाइट, स्पाइस जेट ने जारी किया टाइमटेबल

चुनावी वादों से मुकरने पर राजनीतिक दलों के खिलाफ नहीं बनता कोई जुर्म- इलाहाबाद हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश

यूपी विधानसभा चुनाव 2022, ब्रेकिंग हिंदी न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट सबसे पहले News18 India पर। आज की ताजा खबरें, विश्लेषण, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की खबरें पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी पर |Tags: Hardoi News

[ad_2]

Source link