[ad_1]

हाइलाइट्सराबिया खान भगवान विश्वकर्मा की विधिवत पूजा करने के बाद पुतले बनाने का काम शुरू करती हैं. राबिया खान ने बताया कि रावण का एक पुतला बनाने में उनके परिवार को 10 से 15 दिन लगते हैं. रावण के साथ कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भी बनाए जा रहे हैं, इसलिए पूरा महीना लग जाता है. राबिया खान बताती हैं कि यह उनका पुश्तैनी काम है, इस पूरी अवधि में वे मांसाहार से दूर रहती हैं.रिपोर्ट: शाश्वत सिंह
झांसी. अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए झांसी पूरी दुनिया में जानी जाती है. यहां ऐसे कई उदाहरण हैं जिनकी तारीफ हर तरफ होती है. ऐसी ही एक कहानी है राबिया खान की. राबिया खान पिछले 25 साल से दशहरे के लिए रावण के पुतले बना रही हैं. यह उनका पुश्तैनी काम है. सदर बाजार में आयोजित होने वाली सबसे पुरानी रामलीला के लिए वे रावण का पुतला तैयार करती हैं. उनका पूरा परिवार आज भी इस काम में लगा हुआ है. बेटा बांस काटने का काम करता है, तो बेटी और बहू पुतले का स्ट्रक्चर तैयार करती हैं, जबकि पुतलों को अंतिम रूप देने की जिम्मेवारी राबिया खान उठाती हैं.
राबिया विधिवत पूजा करने के बाद ही पुतले बनाने का काम शुरू करती हैं. वे कहती हैं कि पुतला बनाने से पहले वे और उनका पूरा परिवार भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. राबिया ने बताया कि उनकी पूजा और इबादत एक साथ चलती है. सुबह नमाज पढ़ने के बाद वे पुतला बनाने वाली जगह पर पहुंचती हैं. इसके बाद पुतला बनाने वाले स्थल पर पूजा करने के बाद ही काम शुरू करती हैं.
मांसाहार से रहती हैं दूर

राबिया खान ने बताया कि रावण का एक पुतला बनाने में उन्हें 10 से 15 दिन लगते हैं. यहां रावण के साथ कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भी बनाए जा रहे हैं, इसलिए पूरे महीने का समय लग जाता है. इस पूरी अवधि में वे और उनका परिवार मांसाहार से दूर रहते हैं. वे बताती हैं कि यह परंपरा उनके यहां लंबे समय से चली आ रही है. जब तक पुतले बनाने का काम चलता है पूरा परिवार सिर्फ शाकाहारी भोजन ही करता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Dussehra Festival, Jhansi news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 20:43 IST

[ad_2]

Source link