[ad_1]

Alzheimer disease: शोधकर्ता, हेल्थ एक्सपर्ट और न्यूट्रिशनिस्ट ग्रीन टी के स्वास्थ्य लाभों को प्रमोट करते हैं. इसके बढ़ते प्रमाण बताते हैं कि नियमित रूप से ग्रीन टी पीने के सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है और साथ ही डायबिटीज, दिल की बीमारी और कैंसर सहित कई बीमारियों का खतरा कम होता है. एंटीऑक्सीडेंट में हाई ग्रीन टी दिमाग के काम को बेहतर बनाने में मदद करता है. अब, एक नए अध्ययन में ये बताया गया है कि ग्रीन चाय अल्जाइमर के मरीजों पर पॉजिटिव प्रभाव डाल सकता है. अमेरिका में टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में बताया गया है कि रोजाना ग्रीन टी पीने और कभी-कभी एक गिलास रेड वाइन पीने से दिमाग में प्लेग को कम करने में मदद मिल सकती है.
अल्जाइमर बीमारी में ग्रीन टी कैसे मदद करती है?शोधकर्ताओं ने पाया कि रेड वाइन और ग्रीन टी में पाया जाने वाला कैटेचिन और रेस्वेराट्रोल ने न्यूरो सेल्स में प्लेग के गठन को कम कर दिया है. तीन अन्य कम्पाउंट करक्यूमिन (हल्दी में पाया जाता है), मेटफॉर्मिन (डायबिटीज की दवा) और साइटिकोलिन ने भी प्लेग के गठन को रोका. कैटेचिन में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होता है और इसका कैंसर के संभावित उपचार के रूप में अध्ययन किया गया है, जबकि इसके एंटी-एजिंग गुणों के लिए रेस्वेराट्रोल का पता लगाया जा रहा है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने आगाह किया कि लाभकारी प्रभाव प्रयोगशाला मॉडल और मानव रोगी में थे. फिर भी खोज महत्वपूर्ण है, क्योंकि अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है और ना कोई दवा है.
ग्रीन टी के लाभयदि आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो ग्रीन टी आपके लिए एक स्वस्थ ड्रिंक है क्योंकि इसमें चीनी बिलकुल भी नहीं होती है और यह कैलोरी में भी कम होती है. अध्ययनों से पता चला है कि ग्रीन टी के नियमित सेवन से फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और फास्टिंग इन्सुलिन के लेवल को काफी कम करने में मदद मिल सकती है. शोधकर्ताओं का मानना है कि ग्रीन टी की पत्तियों में पाए जाने वाले कैटेचिन अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है. ग्रीन टी के नियमित सेवन से दिल की बीमारी और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है. ग्रीन टी में स्वस्थ मात्रा में कैफीन होता है, जो दिमाग के काम को बूस्ट करने में मदद करता है.
ग्रीन टी के साइड इफेक्ट्सशोध में ग्रीन टी पीने का कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं पाए गया है. हालांकि, कुछ अध्ययनों का कहना है कि कैटेचिन जानवरों में लीवर एंजाइम बढ़ा सकते हैं. ग्रीन टी में पाया जाने वाला ऑक्सालेट किडनी स्टोन से लिंक है. इसलिए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि ग्रीन टी को दिन में पांच कप या उससे कम तक सीमित करें ताकि इसका लाभ मिल सके और साइड इफेक्ट से बचा जा सके.
Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

[ad_2]

Source link