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रिपोर्ट: हरीकांत शर्माआगरा: महाराष्ट्र की तर्ज पर अब आगरा (Agra )में भी गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की तैयारियां जोरों शोरों से की जा रही हैं. आगरा में इस बार गणेश चतुर्थी बेहद खास होने जा रही है. क्योंकि इस बार आगरा की सबसे बड़ी इको फ्रेंडली ( Eco friendly) मूर्ति आगरा के सदर बाजार नौलखा में बनाई जा रही है. इस मूर्ति की ऊंचाई 20 फुट से भी ज्यादा है. सबसे खास बात यह है कि मूर्ति पूरी तरह से इको फ्रेंडली है. इससे पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा. ये मूर्ति पूरी तरह से मिट्टी की बनी हुई है जो विसर्जन के बाद पानी में आसानी से घुल जाएगी.
मूर्ति के अंदर डाले गए हैं पेड़ों के बीजमूर्ति को महाराष्ट्र के रहने वाले लोकेश राव थोरात बना रहे हैं. यह मूर्ति पूरी तरह से इको फ्रेंडली है.जो पानी में आसानी से घुल जाती है.खासतौर पर एक मर्ति के अंदर आम, नीम ,जामुन जैसे पेड़ों के बीज डाले गए हैं. ताकि जब इस मूर्ति का विसर्जन किया जाए तो विसर्जन के बाद ये बीज कहीं न कही अंकुरित होकर पेड़ बन जाएंगे. जिससे वातावरण को भी फ़ायदा पहुंचेगा.
20 फुट की मूर्ति बनाने में आई दो लाख की लागतआगरा में पहली बार गणेश चतुर्थी पर 20 फुट से भी ज्यादा की ऊंचाई वाली प्रतिमा बनाई जा रही है.इस प्रतिमा को बनाने में लगभग ₹2 लाख का खर्चा आया है. लोकेश राव बताते हैं कि इस मूर्ति को बनाने के लिए उन्होंने जून से तैयारी करना शुरू कर दिया था. गुजरात से ख़ास तरह की मिट्टी मंगाई जाती है. इस मूर्ति में दो तरह की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है एक सफेद मूसली और गुलाबी दोनों का इस्तेमाल मूर्ति को फाइनल टच देने और लेप के तौर पर प्रयोग किया जाता है.
पीओपी से बनी मूर्तियां पहुंचाती हैं वातावरण को नुकसान.इस मूर्ति में प्लास्टर ऑफ पेरिस POP का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.प्लास्टर ऑफ पेरिस यानी पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुँचाती है. आसानी से पानी में घुलती नहीं है.पानी को भी दूषित करती है.महाराष्ट्र ,एमपी जैसे कई राज्यों में पीओपी की बनी मूर्ति पूरी तरह से बैन हैं.लेकिन उत्तर प्रदेश में ज्यादातर मूर्तियां पीओपी की ही बनाई जाती हैं. विसर्जन के दौरान ये मूर्तियां आसानी से घुलती नहीं हैं और महीनों तक नदी तालाब को प्रदूषित करती रहती हैं.
मूर्ति बनाने में रखा जाता है हिंदू रीति रिवाज का विशेष ध्यानइस मूर्ति को डिजाइन करने के लिए खास तौर पर महाराष्ट्र से कारीगर बुलाए जाते हैं. मूर्ति तैयार करते वक्त हिंदू परंपरा का पूरा ध्यान रखा जाता है.मूर्ति तैयार करने के दौरान कारीगर ना तो शराब का सेवन करते हैं ना ही नॉनवेज खाते यहां तक की गुटका का भी इस्तेमाल नहीं करते,जब तक यह मूर्ति तैयार नहीं हो जाती. यह मूर्ति आगरा के सदर बाजार नौलक्खा में रखी जायेगी. मूर्ति का ऑर्डर मंगल मूर्ति सेवा समिति के द्वारा दिया गया है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Agra news, Ganesh Chaturthi, UP latest newsFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 12:36 IST

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