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लखनऊ. लखीमपुर मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा पर मामला दर्ज होने के बाद अब घटना के चश्मदीद ने नया खुलासा किया है. चश्मदीद सुमित जायसवाल ने बताया कि जिस समय ये घटना हुई वो एक खतरनाक मंजर था, सही शब्दों में कहें तो वो मौत का मंजर था. हम डिप्टी सीएम का स्वागत करने जा रहे थे लेकिन अचानक लोगों ने हमला कर दिया. सुमित ने कहा कि यदि वे मेरे को पकड़ लेते तो मैं जिंदा आपके सामने नहीं होता, मेरी भी हत्या कर दी जाती. वहां पर लोग हाथों में तलवार और अन्य हथियार लहराते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे.उसने बताया कि हमलावर गाड़ियों में मंत्री जी के बेटे आशीष मिश्रा को तलाश रहे थे, यदि वे गाड़ी में होते तो जिंदा नहीं बच पाते. मैं भी अपनी जान बचाने के लिए मौके से भागा.
सामने से किया हमलासुमित ने बताया कि हम लोग जब जा रहे थे तो भीड़ ने सामने से हमला किया और हथियारों से मारना शुरू कर दिया. लोग तलवार, लाठी, डंडा लेकर हम लोगों की गाड़ी पर वार कर रहे थे, वे हमें जान से मारना चाहते थे. चारों तरफ मौजूद भीड़ खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रही थी. इसी दौरान मैं वहां से भाग निकला और अपनी जान बचाई. अब हमने मुकदमा दर्ज करवाया है.

लखीमपुर में इस घटना से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने गाड़ी में आग लगा दी थी. (फाइल फोटो)

मंत्री और उनके बेटे पर आरोपवहीं इस घटना के बाद दर्ज किए गए मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर सुनियोजित तरीके से साजिश रचने का आरोप लगा है. इन दोनों के ही साथ एफआईआर में 15 से 20 अज्ञात लोगों को भी आरोप बनाया गया है. एफआईआर में हत्या और दुर्घटना में मौत की धाराएं भी लगाई गई हैं. एफआईआर में अजय मिश्रा के वायरल वीडियो का भी जिक्र किया गया है. एफआईआर के अनुसार जिस दिन थार गाड़ी से किसानों को टक्कर मारी गई उस गाड़ी में बाईं तरफ आशीष मिश्रा बैठा हुआ था.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

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