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नई दिल्ली: एक मैच में अगर कोई टीम 1297 रन ठोककर विरोधी टीम के गेंदबाजों को कभी नहीं भूलने वाला सदमा दे दे तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन रणजी ट्रॉफी 2022 के प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में ऐसा ही अजूबा देखने को मिला है. ऐसे बड़े रिकॉर्ड्स क्रिकेट में बहुत कम देखने को मिलते हैं. दरअसल, झारखंड ने रणजी ट्रॉफी 2022 के प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में नागालैंड के खिलाफ 1297 रन ठोक डाले. 
1297 रन ठोककर इस टीम ने मचाया तहलका
झारखंड ने बुधवार को कोलकाता के ईडन गार्डेंस स्टेडियम में खेले गए रणजी ट्रॉफी 2022 के प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में नागालैंड की टीम को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह सुनिश्चित की, लेकिन इस मैच में झारखंड की टीम ने खेल भावना का मजाक उड़ाकर रख दिया. झारखंड ने नागालैंड के खिलाफ इस मैच में कुल 1297 रन ठोक डाले. झारखंड ने इस मैच की पहली पारी में 880 रन बना डाले. इसके बावजूद झारखंड का बल्लेबाजी से मन बिल्कुल नहीं भरा और उसने दूसरी पारी में भी 417 रन ठोक दिए. 
विरोधी गेंदबाजों को लगा गहरा सदमा
झारखंड की टीम ने इस तरह कुछ हद तक इसक मुकाबले का और नागालैंड की टीम का मजाक बना दिया. देश को महेंद्र सिंह धोनी जैसा दिग्गज कप्तान देने वाले झारखंड ने क्रिकेट का कोई नियम तो नहीं तोड़ा, लेकिन पांच दिन तक विरोधी टीम के गेंदबाजी आक्रमण को ‘अपमानित’ करके खेल भावना को जरूर मजाक बनाया. आखिर में अंपायरों ने मैच ड्रॉ कराने का फैसला किया. 
झारखंड की टीम की हैरान करने वाली हरकत
भारतीय टीम के लिए खेल चुके सौरभ तिवारी की कप्तानी वाली झारखंड की टीम ने इस मैच में कुल 1297 रन बनाए. मैच में पहले बल्लेबाजी करने वाली झारखंड की टीम ने पहली पारी में 880 रन बनाए थे. इसके बाद नागालैंड की टीम 289 रन पर समेट दी गई. इस तरह टीम को 591 रन की विशाल बढ़त मिली. अगर झारखंड की टीम नागालैंड को फॉलोऑन भी दे देती तो मैच जीत जाती और शान से क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करती. अगर मैच का नतीजा ड्रॉ भी रहता तो भी पहली पारी की बढ़त के आधार पर झारखंड की टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाती. 
नागालैंड ने अधिकांश समय फील्डिंग करते हुए बिताया
हैरान करने वाली बात ये रही कि 289 रन नागालैंड को ऑलआउट करने के बाद और 591 रन की बढ़त लेने के बाद झारखंड ने अपनी दूसरी पारी खेलने का फैसला किया. इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि मैच के पांचवें दिन की शुरुआत में झारखंड की टीम के स्कोरबोर्ड पर 723 रन लग चुके थे, लेकिन टीम ने दो विकेट पर 132 रन से आगे खेलने जारी रखा. आखिर में दूसरे सत्र के बीच में अंपायरों को मैच ड्रॉ कराने का फैसला लेना पड़ा. ये मैच सिर्फ इसलिए याद रखा जाए कि झारखंड ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी बढ़त 1008 रनों की हासिल की. नागालैंड की टीम ने पांच दिन के खेल में अधिकांश समय फील्डिंग करते हुए बिताया और इस दौरान 294 से अधिक ओवर गेंदबाजी की.

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