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चित्रकूट. बुंदेलखंड (Bundelkhand) के चित्रकूट (Chitrakoot) की धरती में एक से बढ़कर एक कुख्यात डकैतों (Dacoits) ने जरायम की दुनिया में कदम रखकर रूह कंपा देने वाली घटनाओं को अंजाम दिया. उत्तर प्रदेश में कई सरकारों ने अपने फायदों के लिए इन डकैतों को संरक्षण भी दिया और इनका खत्म भी करवाया. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही डकैतों के खात्मे के लिए उनके खिलाफ अभियान चलाकर कुछ डकैतों को एनकाउंटर में ढेर किया गया तो कुछ डकैतों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. लेकिन चित्रकूट में एक ऐसा इनामी डकैत था गौरी यादव (Dacoit Gauri Yadav) जो शौकिया डकैत बना था और उसे पुलिस ने ही अपने फायदे के लिए पैदा किया था. कुछ सालों बाद पुलिस के लिए ही सिरदर्द बनने लगा था. जिसके बाद यूपी सरकार ने एक महीने पहले 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था. अब यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ के दौरान इस खूंखार डकैत को ढेर कर दिया है.
यह मुठभेड़ बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माड़ो बांध के जंगल में हुई. यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यस ने बताया कि साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को मार गिराने के लिए एसटीएफ ने अपना जाल बिछा रखा था. सूचना मिली थी कि इनामी डकैत गौरी यादव अपने साथियों के साथ अपने पुराने अड्डे पर है और उसे खाद्दय सामग्री देने के लिए उसके सक्रिय सदस्य पहुंच रहे है. तभी एसटीएफ पुलिस ने इनामी डकैत को रात के अंधेरे में माड़ो बांध के जंगल मे घेर लिया. डकैत को समर्पण करने के लिए एसटीएफ ने कहा तो उसने पुलिस पर फायर कर दिया. जिसके बाद जवाबी फायरिंग में इनामी डकैत गौरी यादव ढेर हो गया और उसके बाकी साथी मौके से फरार हो गए. इनामी डकैत के पास से दो AK-47 बंदूक, दो कंट्री मेड पिस्टल और एक 312 बार की पिस्टल सहित भारी कारतूस बरामद हुए है. इनामी डकैत गौरी यादव पर यूपी और एमपी में लगभग 45 मुकदमे दर्ज है और दोनों राज्यों के लिए आतंक बना हुआ था.
पुलिस मुखबिर से बना था डकैतचित्रकूट के खूंखार डकैत साढ़े 5 लाख के इनामी गौरी यादव पर यूपी सरकार ने 5 लाख तो एमपी सरकार ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था. पिछले 20 सालों से गौरी यादव अपराध की दुनिया में अपना धाक जमाए हुए था. यूपी और एमपी पुलिस उसका खात्मा करने में असफल साबित हो रही थी. दरअसल, गौरी यादव पहले पुलिस का मुखबिर हुआ करता था जो डकैतों की हर एक जानकारी पहुंचाता था. यही वजह रही कि वह पुलिस के हर चाल से वाकिफ था जिसका फायदा उठाकर कई दशकों से जरायम की दुनिया का बादशाह बना रहा.
ये रहा है खौफ का इतिहासचित्रकूट और आसपास के जिलों में कई दशकों से डकैतों का आतंक रहा है. ददुआ, ठोकिया, बलखड़िया, रागिया और बबली कोल सहित लवलेश कोल के मारे जाने के बाद अब पुलिस के सामने डाकू गौरी यादव चुनौती बना हुआ था. डाकू गौरी यादव ने डकैत गोप्पा के साथ 2001 में अपराध की दुनिया में सरगना बना. डकैत गौरी यादव अब सरकारी कामकाज में कमीशन न मिलने पर ठेकेदारों और मजदूरों से मारपीट करता था. वर्ष 2003 में पहली बार इनामी डकैत गौरी यादव पर मुकदमा दर्ज हुआ था और वर्ष 2008 में हुई मुठभेड़ से एसटीएफ ने गौरी को पकड़ कर जेल भेजा था. 2 साल बाद जेल से छूटने के बाद यह डकैत गौरी यादव फिर से लूटपाट करने लगा था. डाकू गौरी यादव चित्रकूट के बहिलपुरवा थाना के बिलहरी गांव का निवासी है. 16 मई सन 2013 को दिल्ली पुलिस बिलहरी गांव में दबिश देने गई थी. गौरी यादव ने दिल्ली पुलिस के दरोगा की गोली मारकर हत्या कर उसकी सरकारी रिवाल्वर लूट ली थी और 2016 में बिलहरि गांव के तीन ग्रामीणों को बिजली के खंभे में बांधकर उसने गोली चलाई थी. तब उत्तर प्रदेश में तत्कालीन डीजीपी जावेद अहमद ने गौरी यादव पर एक लाख के नाम घोषित किया था. गौरी ने 2017 में कुलहुआ के जंगल मे एक ही गांव के 3 लोगों को जिंदा जला दिया था. गौरी यादव के खिलाफ चित्रकूट और सीमा से सटे सतना मध्य प्रदेश में 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. गौरी यादव ने अपने आतंक के बल पर 2016 में अपनी मां को गांव का प्रधान भी बनाया था. डकैत गौरी यादव के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने ही उसे अपने फायदे के लिए डकैत बनाया था और अब पुलिस ने ही फर्जी तरीके से उसे मार दिया।पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

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