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रजत भट्ट/गोरखपुरः अक्सर रोज की जिंदगी में बच्चे एक जैसा काम नहीं कर पाते और उनके बिहेवियर में बदलाव स्वाभाविक होता है. लेकिन इसके लिए बच्चों को स्कूल और कॉलेजेस में अलग से एक्टिविटी कराई जाती है जिससे वह तेज रहे. वही पिछले कुछ समय से ड्रामा कर रहे बच्चों मे थिएटर एक थैरेपी के रूप में बेहतर काम कर रहा है. ड्रामा में पार्टिसिपेट करने वाले बच्चों का उनके लाइफ में अच्छा रिस्पांस आ रहा है. फ्री माइंड होकर वह काम और पढ़ाई दोनों करते हैं. जिससे उनको ग्रोथ करने में आसानी होती है.

शहर में पिछले कई समय से अभियान थिएटर ग्रुप के जरिए बच्चों को आगे बढ़ाया जा रहा है और उन्हें मंच दिया जाता है. अभियान थिएटर ग्रुप के अध्यक्ष श्री नारायण पांडे बताते हैं कि, ड्रामा और थिएटर के जरिए बच्चों के बिहेवियर में बदलाव आता है बेशक यह थैरेपी का काम करता है. कई टाइम पर बच्चे सोच समझ नहीं पाते और कामों में मन नहीं लगता.

लेकिन पिछले कुछ समय से थिएटर के कई बच्चों में बदलाव देखा गया है और इसका एक अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. वही नाटक के जरिए बच्चों के आसपास के होने वाले एक्टिविटी पर नाटक कराया जाता है. जिससे वह सिचुएशन को हैंडल करते और उन्हे समझने में आसानी होती है.

बच्चों में दिखता है ग्रोथथिएटर करने से बच्चों के में ग्रोथ जरूर दिखा है. नारायण पांडे बताते हैं कि, बच्चों को अपना करियर बनाने के लिए थिएटर करने जरूरी होते हैं. लेकिन इसके साथ ही उनके जिंदगी में और भी कई बदलाव होते हैं. सरकार भी इन बातों पर ध्यान देती है. त्रिपुरा के ड्रामा स्कूल में वैसे टीचर तैयार किए जाते हैं. जिन्हें TI थिएटर इन एजुकेशन कहते है. इनका काम होता है.

ये थेरेपी का काम करता हैथिएटर के जरिए कैसे बच्चों को ग्रो करना सिखाया जाए. साथ ही देश के और भी ड्रामा स्कूलों में इस तरह के टीचर्स काम करते हैं. इसीलिए ड्रामा बच्चों के लिए एक थेरेपी का काम करता है. जो उनके कैरेक्टर को असल जिंदगी के हिसाब से मेंटेन करता है और बैलेंस करता है.
.Tags: Gorakhpur news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 22:50 IST

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