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रिपोर्ट: विशाल झा
गाजियाबाद: गाजियाबाद की 85 वर्षीय इंदिरा चौधरी पिछले 5 वर्षों से दुहाई (Duhai ) स्थित वृद्धाश्रम में रह रही है. शुरुआत में जब इंदिरा वृद्धाश्रम में आई थी तब काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. घर और परिवार के बारे में सोच के इंदिरा के आंसू निकल आते थे. समय के साथ सब ठीक होता गया और अब इंदिरा का नया घर दुहाई वृद्धाश्रम ही है. दुहाई वृद्धा आश्रम में करीब 86 बुजुर्ग रह रहे हैं. इंदिरा मिलनसार स्वभाव की है. सारे बुजुर्ग उनकी इज्जत भी करते हैं. News 18 Local को दिए इंटरव्यू में इंदिरा ने बताया हम सभी लोग मिल- जुलकर सारे त्योहार को मनाते हैं. हमने दिवाली की तैयारी शुरू कर दी है. उस दिन सारे बुजुर्ग दिए जलाते हैं और लक्ष्मी पूजन भी करते हैं.
बता दें कि इंदिरा चौधरी का बेटा जब केवल 5 साल का था तब इनके पति की मृत्यु हो गई. जिसके बाद कड़ी मेहनत करके इंदिरा ने अपने बेटे को बड़ा किया. पढ़ लिखकर बेटे की शादी भी कराई. बेटा जिस कंपनी में नौकरी करता था उस कंपनी के द्वारा बेटे पर मुकदमा दर्ज हो गया. जिसके बाद वह तिहाड़ जेल चला गया. कोई ठिकाना ना होने पर इंदिरा गाजियाबाद के दुहाई वृद्धाश्रम में आ गई और यहीं से अपने बेटे को जेल से बाहर निकालने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी. रिश्तेदारों से पैसे मांगे और कोर्ट की तारीख तय की.
जानिए पूरा मामलाजेल से आने के बाद जब 2 महीने तक बेटे को नौकरी नहीं मिली तो आश्रम संचालिका से दरखास्त करके इंदिरा ने बेटे को वहीं रखा, नौकरी मिलने के बाद बेटा अपनी पत्नी बच्चे और मां इंदिरा को इंदौर ले गया. जिसके कुछ दिन बाद ही वह वापस अपनी मां को आश्रम में ही छोड़ गया.
आश्रम में इंदिरा करती है सहयोगआश्रम संचालिका इंद्रेश श्रीवास्तव ने बताया कि बुजुर्ग महिला इंदिरा चौधरी का स्वभाव काफी अच्छा है. उन्होंने हमें कभी परेशानी नहीं दी. वह सबसे मिलनसार है और आश्रम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भी अपना योगदान देती है. अभी दिवाली के लिए सभी वृद्ध मिलकर रंगोली मनाएंगे और दिए जलाएंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Citizenship Act, Diwali festival, Ghaziabad News, Senior Citizen Crime, UP newsFIRST PUBLISHED : October 23, 2022, 08:53 IST

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