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Disadvantages of eating adulterated mawa sweet: दिवाली का त्योहार नजदीक है और दुकानों पर मिठाईयां ही मिठाईयां नजर आ रही हैं. भारी संख्या में लोग बाजारों में मिठाई खरीदने पहुंच रहे हैं. हम देखते हैं कि दीवापली और रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर मिठाई की खपत बहुत बढ़ जाती है. इस खपत को पूरा करने के लिए बहुत से बेईमान मिठाई निर्माता नकली मेवा बनाकर करते हैं, जो सेहत के लिहाज से  घातक और जानलेवा हो सकता है, हालांकि थोड़ी सी सावधानी से आप इससे बच सकते हैं. 

कैसे तैयार होता है मिलावटी मावा
मिलावटी मावा बनाने में रिफाइंड या वेजीटेबल ऑयल मिलाया जाता है. इसके अलावा रसायन, आलू, शकरकंदी का प्रयोग भी किया जाता है. इसके अलावा इस वक्त सिंथेटिक दूध भी बड़े पैमाने पर बनाया जाता है, जिसमें डिटर्जेट पाउडर, तरल जैल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड व मोबिल आयल एवं एसेंट पाउडर डाला जाता है, कई बार यूरिया के घोल में पाउडर व मोबिल डालकर भी सिंथेटिक दूध तैयार किया जाता है. इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोखता कागज डाला जाता है, फिर इसी से नकली मावा तैयार किया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है. 

कैसे करें मावे में मिलावट की पहचान

मावा का सैम्पल लेकर इसे टिकिया का आकार दें और इसमें आयोडीन टिंचर की दो बूंद डाल दें.
पांच मिनट तक इसे यथावत रहने दें, थोड़ी देर में आयोडीन टिंचर के प्रभाव से मावा काला पडऩे लगेगा.
यदि मावा काला पड़ जाता है तो इसका मतलब है इसमें मिलावट है.
यदि आयोडीन टिंचर का रंग केसरिया ही बना रहता है तो  मावा में किसी तरह की मिलावट नहीं है.
मावा की शुद्धता की जांच करने का यह सबसे आसान तरीका है.
यदि मावा में मैदा मिली है तो भी वह आयोडीन टिंचर से काला पड़ जाएगा.
यदि मावा सफेद या हल्के पीले रंग का है तो वह मिलावटी हो सकता है.
इस तरह भी कर सकते हैं असली-नकली की पहचान

सूंघने पर मिलावटी मावे की खुशबू अजीब सी महसूस होती है, जबकि असली मावा की महक बहुत अच्छी होती है.
हाथ से रगड़ने पर असली मावा घी छोड़ता है इसकी महक से असली-नकली की पहचान हो जाती है.
चखकर देखने पर असली मावा का स्वाद अच्छा लगता है, नकली होने पर यह कड़वा या अजीब स्वाद वाला लग सकता है.
नकली मावा आसानी से पानी में नहीं घुलता. 
मिलावटी मावा क्या नुकसान कर सकता है?
जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि मिलावटी मावा आपकी किडनी व लिवर को खराब कर सकता है. यह संक्रमण पैदा कर सकता है. इसके साथ ही सिर दर्द, पेट दर्द व त्वचा रोग हो सकते हैं. पेट खराब होने और आंतों में संक्रमण होने की भी संभावना होती है. 

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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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