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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : सनातन धर्म में कार्तिक का माह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर सनातन धर्म को मानने वाले लोग दीपावली का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाते हैं. दीपावली के ठीक 15 दिन बाद कार्तिक की पूर्णिमा को देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. देव दीपावली को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिवाली में सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि देवता भी दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं. यही वजह है कि इस देव दीपावली के नाम से जाना जाता है.

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार देव दीपावली का पर्व कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष देव दीपावली का पर्व 26 नवंबर को मनाया जाएगा. इस साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर रविवार को दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से अगले दिन 27 नवंबर सोमवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट तक है. देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा तिथि में प्रदोष व्यापिनी मुहूर्त में मनाई जाती है. इसलिए इस साल देव दीपावली 26 नवंबर रविवार को मनाई जाएगी, जबकि कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 27 नवंबर सोमवार को होगा.

क्यों मनाई जाती है दीपावली?देव दीपावली को लेकर कई कथाएं प्रचलित है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन इंसान के साथ-साथ देवता भी दीपावली मनाते हैं. एक कथा के अनुसार कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि को भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. राक्षस के आतंक के अंत के बाद सभी देवता गण इस दिन काशी में अनेक दीपक जलाकर उत्सव मनाए थे. इसी वजह से हर वर्ष कार्तिक की पूर्णिमा तिथि पर और दीपावली के 15 दिन बाद देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है.

क्या है देव दीपावली का धार्मिक महत्व?देव दीपावली को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान तथा दान पुण्य करने और दीपदान करने से कई तरह की फल की प्राप्ति होती है. इस दिन लोग काशी के गंगा में डुबकी लगाते हैं उसके बाद दीपदान करते हैं.

(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है)
.Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : November 20, 2023, 21:06 IST

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