[ad_1]

प्रयागराज:-यह शहर हमेशा से ही शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है.दूर-दूर से लोग यहां शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और भविष्य के सपनों को आकार देते हैं.प्रयागराज में ऐसे अनेकों संस्थान मौजूद हैं जो सालों से इस शहर की शोभा को बढ़ा रहे हैं.प्रयागराज की पब्लिक लाइब्रेरीजिसे राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी भी कहते हैं.लगभग डेढ़ सौ सालों से प्रयागराज की भूमि को गौरवान्वित कर रही है.यह पुस्तकालय प्रदेश के सबसे पुराने पुस्तकालयों में से एक है.जिसकी स्थापना 1864 में हुई थी.इसकी डिजाइन रिजर्ड रास्किल बाएन ने बनाई थी जो कि स्कॉटिश बैरोनियल रिवाइवल स्थापत्य शैली पर आधारित है.लाइब्रेरी दो कारणों से आम लोगों के बीच प्रसिद्ध है- एक देश की वास्तुकला,दूसरा इस लाइब्रेरी में मौजूद अद्भुत किताबों का खजाना.आपको बता दें कि इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी को देश की टॉप 10 लाइब्रेरी में छठवां स्थान प्राप्त है.

यूपी विधानसभा की पहली बैठक हुई थी लाइब्रेरी मेंलाइब्रेरी के पुस्तकालय अध्यक्ष डॉक्टर गोपाल मोहन शुक्ला बताते हैं कि देश की आजादी के पहले ग्रुप विधानसभा की पहली बैठक पब्लिक लाइब्रेरी के रीडिंग हॉल में ही हुई थी.यह लाइब्रेरी कंपनी बाग में स्थित है.राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी की बिल्डिंग में 8 जनवरी 1887 को यूपी विधानसभा की पहली बैठक हुई थी,उन दिनों उत्तर प्रदेश को नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंसेज एंड अवध के नाम से जाना जाता था.नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंजेस एंड अवध की पहली लेजिसलेटिव काउंसिल अल्फ्रेड लायल की अध्यक्षता में यहीं हुई थी.बैठक में 5 अंग्रेज और 5 भारतीय शामिल हुए थे.इस बैठक में अवध की रूपरेखा के संबंध में कई विषयों पर चर्चा हुई थी और कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए थे.

सबसे अधिक संग्रह और पाठकों वाली लाइब्रेरीपुस्तकालय अध्यक्ष डॉ गोपाल मोहन शुक्ला बताते हैं कि लाइब्रेरी को स्थापित करने के पीछे का मकसद ब्रिटिश अधिकारियों की साहित्यिक व शैक्षिक जरूरतों को पूरा करना था.लेकिन वर्तमान में यह लाइब्रेरी एक बड़े स्तर पर पाठकों को आकर्षित करती है.जिसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण है.पुस्तकालय में एक लाख से अधिक पुस्तकें, 22 समाचार पत्र और 34 मैगजीन तथा उर्दू, अरबी, फारसी, पर्शियन,बांग्ला भाषा की कई पांडुलिपियां मौजूद हैं.यहां पर अंग्रेजों के जमाने के गजेटियर, पुराने गजट, शाहनामा, महाभारत जैसे कई पौराणिक और साहित्यक किताबें भी मौजूद हैं.यहां लगभग 200 से अधिक उपयोगकर्ता प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करते हैं.डेढ़ सौ साल पुरानी राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी का कई दिग्गजों से नाता रहा है. मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय,गोविंद बल्लभ पंत,सर सुंदरलाल,सर गंगा नाथ झा, तेज प्रताप सप्रू जैसे कई दिग्गजों का यहां से संबंध रहा है.लाइब्रेरी आम पाठकों के लिए सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुली रहती है. ₹50/annum रजिस्ट्रेशन फीस देकर आप भी लाइब्रेरी से जुड़ सकते हैं और इसके पाठक बन सकते हैं.
(रिपोर्ट- प्राची शर्मा, प्रयागराज)

आपके शहर से (इलाहाबाद)

उत्तर प्रदेश

माघ मेला 2022:- कल्पवास के नियम बनाते हैं इस साधना को खास, जानिए क्या हैं नियम ?

देश की टॉप टेन लाइब्रेरी में शामिल प्रयागराज की पब्लिक लाइब्रेरी में मौजूद है दुर्लभ किताबों का खजाना

UP Chunav: 5वें चरण के लिए प्रयागराज में सजने लगे पंडाल, आज मायावती सहित ये नेता करेंगे प्रचार

अरुण सिंह ने अखिलेश यादव को बताया शेखचिल्ली, कहा- सरकार बनाने का देख रहे हैं सपना

UP Election 2022: एक बार फिर चर्चा में BJP विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, अब ठुमके लगाते आए नजर, Video वायरल

Magh mela 2022:-जानिए क्यों फीकी रही इस बार माघ मेले की चमक

UPTET 2021 Result: यूपी चुनाव की वजह से टल सकता है UPTET 2021 रिजल्ट, यहां देखें बड़ा अपडेट

कच्‍ची उम्र में पक्‍का प्‍यार: 14 वर्ष में हुई प्रेग्‍नेंट, फिर भेज दी गई बालिका गृह; पढ़ें कष्‍ट और धैर्य की पूरी कहानी

Magh mela 2022:-माघ मेले में दिख रहें हैं विविधताओं के  अनेकों रंग,साधु-संतों की हैं अनोखी तपस्या

UP Police Bharti 2022: यूपी पुलिस में शुरु हैं 2300 से अधिक पदों पर भर्ती, 12वीं, ITI, डिप्लोमा पास के लिए मौका

UPTET Exam Result Date 2022: जानें कब जारी होगा यूपीटीईटी का रिजल्ट, देखें पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |

[ad_2]

Source link