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हाइलाइट्सडेंगू फीवर में मरीज का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है.डेंगू संक्रमित मच्छर के काटने से होता है और गंभीर हो सकता है.Dengue Fever Vs Viral Fever: देश के कई राज्यों में इस वक्त डेंगू और वायरल फीवर का कहर देखने को मिल रहा है. राजधानी दिल्ली, यूपी और बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे लोगों की टेंशन बढ़ गई है. डेंगू और वायरल फीवर के लक्षण एक जैसे होते हैं, जिसकी वजह से तमाम लोग इनमें अंतर नहीं कर पाते. ऐसी कंडीशन में मरीज की हालत बिगड़ जाती है. अगर डेंगू के लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज न कराया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है. अब सवाल उठता है कि जब इन दोनों ही बुखार के लक्षण एक जैसे होते हैं तो फिर डेंगू और वायरल की पहचान कैसे की जाए. इस बारे में एयरफोर्स के पूर्व मेडिकल ऑफिसर और फिजीशियन डॉ. वरुण चौधरी से बड़ी बातें जान लेते हैं.
क्या होती है Dengue और Viral Fever की वजह?डॉ. वरुण चौधरी के मुताबिक वायरल फीवर वायरस के इंफेक्शन की वजह से होता है. इसकी वजह से सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्या हो जाती है. मौसम बदलने के दौरान इस वायरस की चपेट में कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग आ जाते हैं. आमतौर पर 5 से 7 दिनों के अंदर वायरल फीवर अपने आप ठीक हो जाता है. डेंगू फीवर संक्रमित मच्छर के काटने से होता है और मच्छर काटने के कुछ दिनों के बाद इसके लक्षण नजर आते हैं. अगर डेंगू का सही इलाज ना कराया जाए तो व्यक्ति की कंडीशन गंभीर हो जाती है. इसका असर लिवर पर भी देखने को मिलता है. डेंगू भी एक वायरल फीवर है, लेकिन यह मच्छर के काटने पर ही होता है.
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जानें Dengue और Viral Fever में अंतर– डेंगू फीवर में बहुत तेज बुखार आता है. इसे ब्रेक बोन फीवर भी कहा जाता है. वायरल फीवर में ज्यादा तेज बुखार नहीं आता.– डेंगू से संक्रमित होने वाले मरीजों की स्किन पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं, लेकिन वायरल फीवर में स्किन पर कोई निशान नजर नहीं आते.– डेंगू की वजह से प्लेटलेट काउंट तेजी से कम हो जाता है. वायरल फीवर में प्लेटलेट काउंट पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिलता.– डेंगू फीवर होने पर कई लोगों का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है, जबकि वायरल फीवर में ब्लड प्रेशर पर कोई असर नहीं पड़ता.– डेंगू की वजह से उल्टी और पेट दर्द होने लगता है. डेंगू से लिवर पर भी असर होता है. वायरल फीवर में उल्टी या पेट दर्द की समस्या नहीं होती.

क्या है दोनों का ट्रीटमेंट?डॉ. वरुण चौधरी कहते हैं कि बुखार आने पर लोगों को अपना ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. ब्लड टेस्ट में आपको पता चल जाएगा कि आपको डेंगू है या नहीं. ट्रीटमेंट की बात करें तो दोनों ही कंडीशन में लोगों को पैरासिटामोल टेबलेट दी जाती है. डेंगू और वायरल फीवर की कंडीशन में एंटीबायोटिक लेने से बचना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाई लेनी चाहिए. अगर आप डेंगू का सही समय पर इलाज कराएंगे तो 1 सप्ताह में आसानी से रिकवर कर सकते हैं. जबकि वायरल फीवर 5 से 7 दिनों में दवा लेने से ठीक हो जाएगा.
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