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शारजाह: दिल्ली की टीम ऋषभ पंत की कप्तानी में 14 में से 10 मैच जीतकर लीग में टेबल टॉप  रही, लेकिन टीम में ज्यादतर युवा खिलाड़ी हैं, जिनको बड़े मैचों में खेलने का अनुभव नहीं है. अब क्वालीफायर में दिल्ली की टीम को कोलकाता के हाथों तीन विकेट से दिल तोड़ने वाली हार मिली हैं, जिससे कि उन्हें लगातार दो हार के बाद फाइनल की दौड़ से बाहर होना पड़ा. इससे पहले दिल्ली को चेन्नई से चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. 
ऋषभ पंत  
ऋषभ पंत युवा कप्तान हैं, उनको बड़े मैचों में कप्तानी का अनुभव नहीं है, जिससे कि दिल्ली को हार का सामना करना पड़ा. कोलकाता के खिलाफ किसी स्पिनर को आखिरी ओवर देना बड़ी गलती थी. आखिरी ओवर में  अश्विन की जगह रबाडा या एनरिच से गेंदबाजी करवाई जा सकती थी. इस बड़े फैसले को लेने में ऋषभ पंत से चूक हो गई.अगर रबाडा आखिरी ओवर में गेंदबाजी करते  तो मैच का नतीजा कुछ और होता. ऋषभ पंत गेंदबाजी में बदलाव ठीक तरह से नहीं कर सके. चेन्नई के खिलाफ भी टॉम कुरेन को आखिरी ओवर देना उनकी बड़ी भूल साबित हुई थी, जिसमें धोनी ने मैच को अपने अंदाज में खत्म किया. ऋषभ बल्लेबाजी में भी कुछ खास नहीं कर सके. वे अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके और बड़े मैचों का दबाब वे झेल नहीं सके.  
A match worthy of IPL folklore
Good game, @KKRiders
Here’s wishing the Knights and @ChennaiIPL good luck for the #IPL2021 Final#YehHaiNayiDilli #KKRvDC pic.twitter.com/DlD1HcP6NV
— Delhi Capitals (@DelhiCapitals) October 13, 2021
शिखर धवन 
दिल्ली को शिखर धवन से कोलकाता के खिलाफ तूफानी बल्लेबाजी की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने  खोदा पहाड़ निकली चुहिया को चरितार्थ किया. धवन ने 39 गेंद में सिर्फ 36 रन बनाए. उन्होंने बहुत ही धीमी बल्लेबाजी की. उनके बल्ले से गेंद बमुश्किल से ही सीमा रेखा पार जा  रही थी. आखिरी में तेजी में रन बनाने के चक्कर में स्पिनर वरूण की गेंद पर वह फंस गए और शाकिब अल हसन को एक आसान सा कैच देकर पवेलियन वापस लौट गए और दिल्ली की नैय्या को बीच मंझधार में ही छोड़ गए. 
अक्षर पटेल 
अभी हाल ही में अक्षर पटेल को भारतीय टीम के 15 सदस्यीय दल से बाहर किया गया उनकी जगह शार्दुल ठाकुर को टीम में शामिल किया गया. उनके हालिया प्रदर्शन को देखते हुए. ये फैसला ठीक दिखाई देता है. कोलकाता के खिलाफ उनकी गेंदों की जमकर धुनाई हुई. वेंकटेश अय्यर ने उन पर कई ताबड़तोड़ छक्के जड़े. वे बहुत ही महंगे गेंदबाज साबित हुए. 4 ओवर में उन्होंने 32 रन दिए और कोई भी विकेट नहीं लिया. उनकी गेंदों कोलकाता के बल्लेबाजों ने खुलकर रन बनाए. अक्षर बल्लेबाजी में भी कोई खास योगदान नहीं दे सके. 4 गेंद में सिर्फ  4 रन ही बना सके. ना उनकी गेंद ही घूमी और ना ही बल्ला चला. जिससे दिल्ली को हार का मुंह देखना पड़ा.


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