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कोविड के सिर्फ सांस संबंधी दिक्कतें ही नहीं, ये दिमाग तक को नुकसान पहुंचा सकता है और ये नुकसान महीनों बाद भी जारी रह सकता है! यह चौंकाने वाला खुलासा हाल ही में हुए एक ब्रिटिश अध्ययन में हुआ है. नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, कोविड से ठीक हुए कुछ मरीजों के खून में ऐसे लक्षण पाए गए हैं जो दिमाग की लगातार हो रहे डैमेज का संकेत देते हैं, भले ही जाहिर तौर पर वे स्वस्थ दिखते हों.
शोधकर्ताओं ने इंग्लैंड और वेल्स के 800 अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों पर अध्ययन किया, जिनमें से आधे को हाल ही में न्यूरोलॉजिकल बीमारी का पता चला था. उन्होंने इन मरीजों के खून में दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले प्रोटीन, एंटीबॉडी और सूजन के तत्वों की मात्रा की जांच की.क्या कहता है अध्ययन?अध्ययन से यह पता चला कि जिन मरीजों में कोविड के लक्षण तेजी से फैले थे, उनके खून में दिमाग के नुकसान के लक्षण और सूजन के प्रोटीन अधिक मात्रा में पाए गए. हैरानी की बात यह थी कि भले ही ब्लड टेस्ट में सूजन का लेवल कम दिखा, लेकिन कई मरीजों के खून में ऐसे लक्षण मौजूद थे, जो महीनों बाद भी दिमाग के नुकसान का संकेत दे रहे थे. खासकर उन मरीजों में जो शुरुआत अवस्था में नए न्यूरोलॉजिकल लक्षण प्रदर्शित कर रहे थे.
ब्रेन हो सकता है डैमेजलिवरपूल यूनिवर्सिटी के इंफेक्शन न्यूरोसाइंस लैबोरेटरी के निदेशक बेनेडिक्ट माइकल ने कहा कि हमारा अध्ययन दिखाता है कि कोविड के महीनों बाद भी खून में दिमाग के नुकसान के लक्षण मौजूद रहते हैं, खासकर उन लोगों में जो कोविड से जुड़ी ब्रेन कॉम्प्लिकेशन (जैसे सूजन या स्ट्रोक) से गुजरे हैं, भले ही खून में सूजन का स्तर कम हो गया हो. उन्होंने यह भी कहा कि इससे यह संभावना बढ़ जाती है कि कोविड के बाद भी दिमाग में सूजन और नुकसान जारी रह सकता है, जिसे खून के सामान्य सूजन टेस्ट पता नहीं लगा पाते हैं.
लॉन्ग कोविड लक्षण- थकान, जो शारीरिक या मानसिक गतिविधि से बढ़ जाती है.- बुखार.- सांस संबंधी लक्षण, जैसे खांसी और सांस लेने में तकलीफ.- सिरदर्द, नींद न आना, खड़े होने में चक्कर आना, सुई चुभने जैसी सेंसेशन, स्वाद या दुर्गन्ध का खो जाना, उदासी या चिंता.- मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द.- दिल की समस्याएं, तेज हार्ट बीट और सीने में दर्द.- पाचन संबंधी लक्षण, जैसे पेट दर्द और दस्त.

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