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हाइलाइट्सदिल्‍ली के एलएनजेपी अस्‍पताल में सबसे ज्‍यादा कोविड डेडिकेटेड बेड्स हैं. कोरोना के मामले बढ़ने पर अस्‍पतालों में आईसीयू बेड्स और ऑक्‍सीजन की व्‍यवस्‍था की जा रही है. Corona beds in Delhi Hospitals: कोरोना वायरस ने फिर नए रूप में दस्‍तक दे दी है. इस बार ओमिक्रोन का सब वेरिएंट एक्‍सबीबी .1.16 ने हड़कंप मचा दिया है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जहां केंद्र और राज्‍य सरकारें एडवाइजरी जारी कर रही हैं वहीं राजधानी दिल्‍ली के 4 सबसे बड़े अस्‍पतालों में भी तैयारी शुरू कर दी गई है. इनमें दिल्‍ली सरकार का सबसे बड़ा अस्‍पताल और कोरोना की पिछली लहरों में कोविड डेडिकेटेड अस्‍पताल रह चुका एलएनजेपी, केंद्र सरकार के सफदरजंग और आरएमएल अस्‍पताल व ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्‍ली शामिल हैं.

ऐसे में न केवल दिल्‍ली बल्कि आसपास के कोरोना मरीज इन अस्‍पतालों में इलाज ले सकते हैं. कोरोना के रोजाना बढ़ते मामलों के मद्देनजर इन अस्‍पतालों में कोविड वॉर्ड्स, कोविड डेडिकेटेड बेड्स, आईसीयू बेड्स, वेंटिलेटर्स और ऑक्‍सीजन के इंतजाम किए गए हैं.

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आरएमएल में कोविड के लिए 405 बेड की व्‍यवस्‍था दिल्‍ली के राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल के डायरेक्‍टर एंड मेडिकल सुप्रिटेंडेंट प्रो. अजय शुक्‍ला ने बताया कि कोविड के केसेज को देखते हुए अस्‍पताल ने स्‍टेप अप प्‍लान बनाया है. कोरोना केसेज की गंभीरता को देखते हुए बेड बढ़ाए जाते रहेंगे. फिलहाल कोविड के लिए 405 बेड की व्‍यवस्‍था की गई है. फिलहाल कोविड पेशेंट के लिए 5 आईसीयू बेड्स रिजर्व किए हैं लेकिन स्‍टेप अप प्‍लान के तहत जैसे-जैसे सीरियस कोविड पेशेंट आएंगे, वैसे-वैसे आईसीयू बेड भी बढ़ाए जाएंगे.

फिलहाल आईसीयू में दो मरीज हैं लेकिन दोनों ही नॉन कोविड डिजीज की वजह से आईसीयू में भर्ती किए गए लेकिन जब उनकी कोविड जांच हुई तो वे पॉजिटिव निकले. हालांकि उन्‍हें कोविड संबंधी दिक्‍कत नहीं है. अस्‍पताल में केंद्र सरकार की एडवाइजरी और निर्देशों का पालन करने के साथ ही लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है और मॉक ड्रिल भी की जा रही हैं.

एलएनजेपी अस्‍पताल में सबसे ज्‍यादा बेड्स दिल्‍ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्‍पताल के मेडिकल डायरेक्‍टर डॉ. सुरेश कुमार बताते हैं कि अस्‍पताल में इस समय कुल 450 बेड्स कोविड के लिए रिजर्व हैं. इन सभी बेड्स पर ऑक्‍सीजन की सुविधा उपलब्‍ध है. वहीं 50 बेड्स पर वेंटिलेटर्स सपोर्ट या आईसीयू की सुविधा है. फिलहाल अस्‍पताल में कोरोना के कुल 11 मरीज हैं, जिनमें से दो वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं जबकि बाकी 9 को ऑक्‍सीजन दी हुई है. डॉ. कहते हैं कि एलएनजेपी में ऑक्‍सीजन के लिए पांच पीएसए प्‍लांट हैं. जबकि कुछ डी टाइप सिलेंडर भी हैं. इसके साथ ही डॉक्‍टरों की टीमें किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार हैं.

डॉ. सुरेश कहते हैं कि कोरोना के जो भी मरीज अस्‍पताल में आएंगे, उन सभी की जीन सीक्‍वेंसिंग के लिए उनके सैंपल भी बाहर भेजे जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कोविड का कौन सा वेरिएंट दिल्‍ली में संक्रमण फैला रहा है.

सफदरजंग अस्‍पताल में खाली पड़ी है बिल्डिंग दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल में कोरोना के लिए फिलहाल कुल 44 बेड पूरी तरह कोविड के लिए आरक्षित किए गए हैं. इनमें से 22 बेड्स पर वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद है. बाकी सभी बेड्स पर ऑक्‍सीजन सपोर्ट है. इसके अलावा दूसरी बिल्डिंग में 90 बेड अलग से मौजूद हैं, जो जरूरत पड़ने पर इस्‍तेमाल किए जा सकेंगे.

एमएस ऑफिस की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि अस्‍पताल में कोरोना के अभी सिर्फ दो मरीज भर्ती हैं. दोनों 90 साल से ऊपर की महिलाएं हैं. इनमें एक की हालत स्‍ट्रोक में गिरने की वजह से गंभीर है, जबकि दूसरी को कोविड है लेकिन उम्र ज्‍यादा होने की वजह से ऑक्‍सीजन की कमी महसूस हुई तो उन्‍हें ऑक्‍सीजन लगाई गई.
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