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सृजित अवस्थी/ पीलीभीत: बीते दिनों उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले में स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व में केन्या व तंजानिया के वनकर्मियों का प्रतिनिधिमंडल दौरे पर आया था. इस दौरान वनकर्मियों ने पीटीआर के मानव वन्यजीव संघर्ष के मैनेजमेंट के गुर सीखे वहीं यहां के अधिकारियों ने वहां के कम्यूनिटी फॉरेस्टिंग मॉडल को समझा. अब अधिकारी इस को अमल में लाने पर विचार कर रहे हैं.

दरअसल, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बीते सालों में मानव वन्यजीव संघर्ष की कई घटनाएं घटित हुई थीं. इसी को ध्यान में रखते हुए इन घटनाओ के मैनेजमेंट के लिहाज से बाघ मित्र मॉडल लागू किया गया था. इसके तहत जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले ऐसे लोगों की एक टीम गठित की गई है जो बाघ की चहलकदमी के दौरान वन विभाग व ग्रामीणों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हैं. इस मॉडल के चलते मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी दर्ज की गई थी. वहीं वन विभाग और ग्रामीणों के टकराव की घटनाएं भी न के समान हो गई. ऐसे में बाघ मित्र मॉडल को देश विदेश में भी सराहा गया. हाल ही में केन्या व तंजानिया के वनकर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी इस मॉडल को समझने आया था.

पीटीआर प्रशासन को भाया कम्यूनिटी फॉरेस्टिंग मॉडलएक ओर जहां विदेश से आए वन कर्मियों को पीलीभीत बाघ मित्र मॉडल भाया तो वहीं दूसरी ओर तंजानिया के वनकर्मियों के अनुभवों के अनुसार पीटीआर प्रशासन को वहां का कम्यूनिटी फॉरेस्टिंग मॉडल भाया.दरअसल, कम्यूनिटी फॉरेस्टिंग के तहत जंगल को बढ़ावा देने की ज़िम्मेदारी केवल सरकार की नहीं होती. ग्रामीण खुद की जमीनों पर जंगल व वन्यजीवों को बढ़ावा देते हैं. ऐसे में ग्रामीणों के बीच आपस में सामंजस्य स्थापित कर वन संरक्षित करते हैं. वहीं ईको टूरिज्म की तर्ज पर पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था भी करते हैं. जिससे वन व वन्यजीव तो संरक्षित होते ही है साथ ही ग्रामीणों की आमदनी में भी इजाफा होता है. अब अधिकारी इस मॉडल को लागू करने पर उच्चाधिकारियों के साथ विमर्श कर रहे हैं.

शासन को भेजी गई है रिपोर्टअधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि यह मॉडल हमारे लिए नया है. इस पर एक रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों के माध्यम से शासन तक पहुंचाई जाएगी.
.Tags: Local18, Pilibhit newsFIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 19:01 IST

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