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मंगला तिवारी/मिर्जापुर: होली रंगों का त्योहार है. बच्चे,जवान या फिर बुज़ुर्ग, हर कोई इस दिन लाल, नीले, पीले रंगों की मस्ती में सराबोर रहता है. होली के उन्माद भरे माहौल में हर कोई एक-दूसरे को अपने रंग में रंग देना चाहता है. लेकिन इस दौरान लापरवाही के चलते अक्सर आंखों,कानों या फिर मुंह में रंग चला जाता है. जिससे हमें कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है. क्योंकि बाजार में मिलने वाले रंगों में नुकसानदायक केमिकल्स और दूसरे तत्व मिले होते हैं. इसलिए ली के दौरान रंगों का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करना चाहिए.

इस समय बाजार में कई तरह के रंग बिक रहे हैं. जिसे देखते ही खरीदने का मन करने लगता है. लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि ये केमिकल युक्त रंग आपके शरीर के लिए कितना नुकसादायक है. रंग खेलने के बाद इससे होने वाले नुकसान से अभी आप बेखबर है. इन रंगों से स्किन से लेकर आंखों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, तो आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कैसे इस रंग के त्योहार में रंग का भी आनंद ले सके और बीमार भी न पड़े.

रंग लगने पर सिर्फ साफ पानी से धोएं आंखलोकल 18 बात करते हुए मिर्जापुर के मेडिकल कॉलेज की नेत्र विशेषज्ञ डॉ. शिखांगी बताती है कि होली खेलने के दौरान लोग इस बात का ध्यान रखें कि केमिकल युक्त रंग की जगह घर पर हाथ से ऑर्गेनिक कलर बनाकर होली खेले. ऐसा करने से आपबीमार भी नहीं पड़ेगे और होली भी शानदार तरीके से एंजॉय कर सकते हैं. होली खेलते समय एक चीज का ध्यान जरूर रखें कि अगर गलती से गुलाल या रंग में चला गया है, तो पानी से साफ करें. अगर ऐसा करने से आराम नहीं मिल रहा हैं, तो आंख के एक्सर्पट को दिखाकर उनसे सलाह लें.

सीधे चहरे पर न लगाएं रंगडॉ.शिखांगी ने बताया कि होली बहुत ही प्यारा त्योहार है. ऐसे में लोगों को प्रयास करना चाहिए कि केमिकल युक्त रंग के बजाए हर्बल गुलाल का इस्तेमाल करें. आगे उन्होंने बताया कि रंग लगाते समय आप सभी को यह ध्यान रहे कि होली लगाते समय किसा भी व्यक्ति को उसके सीधे सिर या मुंह पर न लगाएं. कुछ रंगों में बाली का कण होता है. इससे आंख की पुतली को नुकसान पहुंचता है. सिर में सीधे लगाने से सिर दर्द जैसी समस्या होती है.
.Tags: Local18, Mirzapur newsFIRST PUBLISHED : March 24, 2024, 13:35 IST

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