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कुछ लोगों को हर वक्त थकावट महसूस होती है. ये थकान इतनी गंभीर होती है कि सोकर उठने के बाद भी एनर्जेटिक फील नहीं होता. दरअसल इस स्थिति को मेडिकल साइंस में क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम कहा जाता है. जिसमें हमेशा अत्यधिक थकावट महसूस होती रहती है और यह कभी खत्म नहीं होती है. आइए क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण और और बचने के टिप्स जानते हैं.
Chronic Fatigue Syndrome Symptoms: क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षणजेपी हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर Dr. Vinay Labroo ने क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षणों के बारे में जानकारी दी.
अचानक गंभीर थकावट आना, खासतौर से फ्लू या कोविड होने के बाद
हल्का बुखार होना या ठंड लगना
गले में सूजन या लिम्फ नोड्स में सूजन
सूजन के बिना मसल्स में दर्द होना
सिरदर्द
सोने के बाद भी रिफ्रेश ना होना
फोकस ना कर पाना
मूड बदलना
Chronic Fatigue Syndrome Causes: क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम के कारणक्रॉनिक फटीग सिंड्रोम यानी सीएफएस के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन इसके पीछे इम्यून सिस्टम पर वायरस या किसी संक्रमण को देखा जाता है. शुरुआती शोध बताते हैं कि हर्पीज इंफेक्शन सीएफएस का कारण बन सकता है. वहीं, अत्यधिक तनाव और चिंता, मनोवैज्ञानिक समस्याएं, खानपान की गलत आदतें, ओसीडी या डिप्रेशन आदि क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम को गंभीर बना सकते हैं. आइए इससे बचने के टिप्स जानते हैं.
1. अपना ट्रीटमेंट प्लान ढूंढेंसीएफएस के लक्षण और गंभीरता हर किसी के लिए अलग हो सकती है. इसलिए अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर के साथ मिलकर अपने लिए जरूरी तकनीक और थेरेपी के बारे में जानें.
2.सबसे खतरनाक लक्षण पहले देखेंआपको सीएफएस के सबसे खतरनाक लक्षण को पहले सही करना होगा, ताकि समय पर जरूरी इलाज मिल सके.
3. सेवन की जा रही दवाओं का ध्यान रखेंसीएफएस का इलाज पाते हुए ली जा रही दवाओं और सप्लीमेंट्स का ध्यान रखें. जिसमें ओटीसी दवाएं व प्रिस्क्रिप्शन में दी जा रही दवाएं भी शामिल हैं.
4. सेहत और लाइफस्टाइल पर ध्यान रखेंबीमारियां सही करने के लिए सेहत और लाइफस्टाइल को सुधारना बहुत जरूरी है. जिसमें कॉग्नीटिव बिहेवियरल थेरेपी, सपोर्ट ग्रुप, प्रोफेशनल काउंसलिंग शामिल हैं.
5. सब्र करेंयह समस्या ऐसी है कि आपको पूरी तरह से ठीक होने में थोड़ा समय लग सकता है. इसलिए सब्र रखें, क्योंकि अचानक से पुराने रुटीन में पहुंचना नुकसानदायक हो सकता है.
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