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रिपोर्ट – धीरेन्द्र शुक्ला

चित्रकूट: भगवान श्रीराम ने वनवास काल के दौरान कई वर्ष चित्रकूट में बिताए थे. तब एक समय ऐसा भी आया था, जब भगवान रो पड़े थे. उनकी आंखों से निलके आंसुओं की वजह एक पहाड़ था. शरभंग ऋषि के आश्रम के पास ये पहाड़ मानव की हड्डियां एकत्र होने की वजह से बना था. इतनी मात्रा में मनुष्यों की हड्डियां देख भगवान भी विचलित हो गए थे. रामायण के अरण्य कांड में इस घटना का उल्लेख मिलता है.

त्रेतायुग को बीते हजारों वर्ष हो गए, लेकिन ये हड्डियों का पहाड़ आज भी चित्रकूट की धरती पर है, जिसे अब सिद्धा पहाड़ कहा जाता है. इस पहाड़ की खुदाई करने पर आज भी इसमें से मानव हडि्डयां निलकती हैं. कई तो छह फीट से भी बड़ी हैं. प्रशासन ने इन हड्डियों को अनुसंधान केंद्र भेजा है, ताकि इन पर रिसर्च की जा सके और पता किया जा सके कि ये हड्डियां किस युग की हैं.

रामायण के अरण्य कांड में है वर्णनरामायण के अरण्यकांड में इस घटना का वर्णन मिलता है. कथा के अनुसार, जब श्री राम लक्ष्मण और सीता सहित वन में आगे बढ़े तो शरभंग ऋषि के आश्रम के पास ही मानव हड्डियों के विशाल ढेर को देखकर वह रो पड़े. जब उन्होंने ऋषि-मुनियों से इस पहाड़ के बारे में पूछा तब उन्होंने बताया कि पहले तो विराट राक्षस यहां ध्यान कर रहे ऋषि-मुनियों को मारता है और उसके बाद उनकी हड्डियों का ढेर लगाते जाता है. इसी कारण यह पहाड़ बन गया है. तब श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा था कि इस पहाड़ को देखकर मुझे जितना दुख हुआ है, इतना दुखी तो मैं तब नहीं था, जब हम वनवास के लिए अयोध्या से निकले थे.

चित्रकूट से 15 किलोमीटर दूर है शरभंग आश्रमचित्रकूट से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शरभंग ऋषि का आश्रम आज भी देखते बनता है. यहां हरी-भरी वादियों के बीच कल-कल बहता झरना लोगों को सुकून देता है. लेकिन, यहां की शांति के पीछे एक दर्दभरा इतिहास भी है, जिसके आए दिन हड्डियों के रूप में प्रमाण मिलते रहते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, Lord Ram, UP newsFIRST PUBLISHED : January 26, 2023, 12:27 IST

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