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रिपोर्ट: धीरेन्द्र शुक्ला

चित्रकूट. चित्रकूट के देवांगना के जंगलों में जड़ी बूटियों का भंडार है. लेकिन जंगल बहुत ही खूंखार है. यही वजह है कि लोग इस जंगल की तरफ देखते तक नहीं है. जंगलों में लोग आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की खोज में निकल पड़ते हैं, लेकिन कुछ हासिल नहीं कर पाते है. जंगल विंध्य पर्वत पर बसा है, यह जंगल चारों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ है. ऊंचाइयों पर बसा जंगल दूर से देखने पर चींटी के बराबर दिखाई देता है.

दुर्लभ औषधियों का भंडार है जंगल मेंदुर्लभ औषधियों का भंडार है जंगल में, जंगल में जहां पर औषधि यानी की जड़ी बूटियों की तलाश की जाए तो सभी बीमारियों का इलाज संभव पाया जा सकता है. क्योंकि इस जंगल में सफेद मूसली से लेकर कंदमूल, सफेद प्याज, हल्दी, आमा हल्दी, काली मूसली और तमाम जड़ी बूटियां देवांगना के जंगलों में बिछी पड़ी है.

चित्रकूट के डॉ. बिलाल अहमद ( बीएमएस) ने बताया कि देवांगना का जंगल ऊंचाई पर बसा है. इन पहाड़ों पर शिलाजीत से लेकर काली मूसली, सफेद मूसली, कंदमूल और ऐसे-ऐसे जड़ी बूटियां हैं जो सबसे ज्यादा महंगी है.

सबसे महंगी जड़ी बूटी देवांगना जंगल मेंचित्रकूट के डॉ बिलाल अहमद ( बीएमएस) ने बताया कि चित्रकूट के देवांगना जंगल में इस जड़ी-बूटी का नाम यारशागुंबा है. जिसेकीड़ा-जड़ी के नाम से जाना जाता है. यह पहाड़ों की ऊँचाइयों पर पाया जाता है और बहुत मुश्किल से मिलता है. इसी वजह से इसकी कीमत बहुत अधिक है.

इसी देवांगना के जंगलों में सतयुग से लेकर कलयुग तक यानी कि आज भी ऋषि मुनि तपस्या के साथ जंगलों की जड़ी बूटी का इस्तेमाल करके साधना में लीन रहते हैं. एक ऐसे संत हैं जो 6 महीने तक इसी जंगल में बने रहते हैं ना उन्हें भूख लगती है ना तो प्यास ना वो किसी से बोलते हैं. सिर्फ जड़ी बूटी के लिए देवांगना जंगल में बने हुए उन्होंने अपना एक स्थान भी चुन रखा है.

जड़ी बूटी की रानीचित्रकूट के आर्युवेद के डॉ बिलाल अहमद ने बताया कि तुलसी परिवार लामियासी एक सुगंधित झाड़ी है. जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति उत्तर मध्य के चित्रकूट में हुई थी. आयुर्वेद के भीतर तुलसी को “अतुलनीय” “प्रकृति की मां औषधि” और “जड़ी-बूटियों की रानी” के रूप में जाना जाता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, UP newsFIRST PUBLISHED : May 04, 2023, 21:00 IST

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