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रिपोर्ट- धीरेन्द्र शुक्ला

चित्रकूट. धर्म की नगरी चित्रकूट में भगवान राम के साथ हनुमान, शंकर भगवान और भी हिंदू धर्म के देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. चित्रकूट के पासी मोहल्ले में मूर्ति बनाने का कार्य लंबे अरसे से चला रहा है. यहां मूर्ति को हाथों से बनाने का काम होता है. इस कला का तो कोई मोल ही नहीं है, लेकिन अपनी इस कला के एवज में मूर्तिकारों को इतने पैसे भी नहीं मिलते, जिससे यह अपनी जिंदगी बेहतर ढंग से गुजार सकें.

मूर्ति कलाकार अपने हाथों की सफाई से हथौड़ा और छीनी लेकर पत्थर की चट्टानों में भगवान की आकृति उतार देते हैं, चाहे फिर भगवान राम हो या उनके दूत हो या फिर कोई भी देवी हो. इसी मूर्ति कला को निकालने के बाद वह बाजार में मूर्तियों को बेचकर अपने परिवार का पेट पालन करते हैं. लेकिन महंगाई के इस दौर में कई ऐसे मूर्ति कलाकार हैं, जो कड़ी मेहनत से पत्थर पर आकृति तो बना देते हैं, लेकिन उनकी मजदूरी तक नहीं मिल पाती. यही वजह है मूर्ति कलाकार पत्थर फोड़ पसीना बहाता है, लेकिन भरपेट भोजन उसको नसीब नहीं होता.

मिर्जापुर से लाते हैं पत्थर

मूर्ति कलाकार रामजीवन ने बताया कि मूर्ति बनाने का हम लोगों का कार्य लगभग 35 सालों से चला आ रहा है, लेकिन मूर्ति बनाना तो आसान है लेकिन पेट भर भोजन नहीं मिल पाता है. क्योंकि पहले पत्थर चित्रकूट मिल जाया करते थे, लेकिन अब पत्थर मिर्जापुर से लाकर हम लोग यहां मूर्ति बनाते हैं. इसी वजह से हम लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है. क्योंकि वहां से पत्थर लाने का भाव और यहां बेचने के भाव में फर्क होता है. इसी वजह से हम लोगों की लागत भी नहीं निकल पाती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, Latest hindi news, UP newsFIRST PUBLISHED : April 10, 2023, 19:33 IST

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