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रिर्पोट – धीरेन्द्र शुक्ला

चित्रकूट. सद्गुरु सेवा ट्रस्ट जानकीकुंड के अस्पताल में हर साल 15 लाख मरीजों की आंखों का मुआयना ओपीडी में किया जाता है और मोतियाबिंद समेत आंखों की अन्य बीमारियों के लिए लगभग डेढ़ लाख सर्जरी हर साल यहां होती हैं. ट्रस्टी डॉ. इलेश जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस सेवा और बड़े लक्ष्य को पाने के कारण ही मोतियाबिंद ऑपरेशन के मामले में इस ट्रस्ट के अस्पताल ने देश में पहला स्थान पाया है. क्या आप जानते हैं देश के इस अनूठे अस्पताल का रोचक सफर कैसा रहा है?

श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट (एसएसएसएसटी) एक मानवतावादी संगठन है, जिसकी स्थापना 1968 में निःस्वार्थ सेवा के सिद्धांत पर की गई थी. रणछोड़दासजी महाराज ने जरूरतमंदों और असहाय गरीब लोगों के कष्टों को दूर करने के लक्ष्य के साथ यह ट्रस्ट बनाया था. उनके सिद्धांत और विचारधारा के साथ ट्रस्ट 50 से ज्यादा सालों से चिकित्सा के क्षेत्र में निःशुल्क काम कर रहा है. चित्रकूट का यह अस्पताल ‘नेत्र अस्पताल’ के नाम से जाना जाता है और नेत्र चिकित्सा के लिए इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है.

सेवा की मिसाल है यह अस्पताल

असल में चित्रकूट से लगे हुए तमाम ऐसे गांव हैं जहां बेरोजगारी, गरीबी के कारण इलाज न कराने की वजह से लोग बुझी या दृष्टिहीन आंखों के साथ जीने पर मजबूर होते हैं. इनका बीड़ा ट्रस्ट उठाया है और लोगों को अपने साधन से उनके घरों से लाकर मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाता है. इसकी ख्याति इतनी है कि अब लाखों की संख्या में लोग मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए यहां पहुंचते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, EyesFIRST PUBLISHED : February 01, 2023, 17:53 IST

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