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बेहतर नींद की तलाश में लोग हर हथकंडा अपना रहे हैं. इसका सबूत है नींद के सप्लीमेंट्स की बढ़ती खपत.अमेरिका के बाद अब भारत में भी नींद के सप्लीमेंट्स लेने वालों की संख्या बढ़ रही है.
अमेरिका के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, वहां 18% लोग बेहतर नींद के लिए सप्लीमेंट्स लेते हैं. वहीं, भारत में यह संख्या करीब 12% है. 
स्लीप सप्लीमेंट का बढ़ता बाजार
स्टैटिस्टा के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में नींद से जुड़ी चीजों का बाजार 2,410 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. इसमें हर साल 9.55% की दर से बढ़ोतरी की उम्मीद है. वहीं, अमेरिका में यह बाजार 17,539 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. भारत की बढ़ती जनसंख्या और तनाव के बढ़ते स्तर ने ओटीसी (ओवर-द-काउंटर) दवाओं की मांग बढ़ा दी है. इनमें नींद में मदद करने वाली दवाएं भी शामिल हैं.
क्या हैं स्लीप सप्लीमेंट्स?
स्लीप सप्लीमेंट्स में दवाएं, प्राकृतिक उपचार, थेरेपी, जीवनशैली में बदलाव और तकनीक शामिल हैं जो लोगों को बेहतर नींद आने में मदद करती हैं. उदाहरण के लिए, एंटीहिस्टामिन जैसे डिपेन्ड्रामीन (बेनाड्रिल) या डॉक्सीलेमाइन (यूनिसॉम) स्लीप सप्लीमेंट्स हैं.
चिंता का विषय
हालांकि, नींद के सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल पर विशेषज्ञों ने चिंता भी जताई है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इनका इस्तेमाल लंबे समय तक करने से कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं. इसलिए, डॉक्टर की सलाह के बिना इनका सेवन नहीं करना चाहिए.
बेहतर नींद के लिए टिप्स
नियमित व्यायाम करें- रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें.
सोने का समय तय करें- हर रोज एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें.
सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कम करें- सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप और टीवी का इस्तेमाल कम करें.
सोने से पहले कैफीन और शराब का सेवन न करें- ये पदार्थ नींद में खलल डाल सकते हैं. 
सोने से पहले हल्का भोजन करें- सोने से पहले भारी भोजन न करें. 
बेडरूम को तैयार करें -सोने के कमरे को अंधेरा और शांत रखें. 
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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