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शाश्वत सिंह/झांसी. भारत में आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आजकल युवाओं में आत्महत्या के लक्षण ज्यादा दिखाई देते हैं. कुछ समय पहले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने भी हॉस्टल में आत्महत्या कर लिया था. यह खबर काफी चर्चाओं में बनी रही. इसके बाद बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा एक ऐसा टूल बनाने का प्रयास किया जा रहा था जिससे आत्महत्या के मामलों में कमी लाई जा सके. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. लवकुश द्विवेदी और कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय द्वारा ऐसा ही एक टूल तैयार कर लिया गया है.डॉ. लवकुश द्विवेदी ने बताया कि किसी व्यक्ति के मन में आत्महत्या का विचार आने पर शारीरिक और मानसिक रूप से बदलाव आते हैं. टूल असामान्य हृदय गति, रक्तचाप बढ़ना, आवाज में बदलाव, व्यक्ति के रोने या चीखने-चिल्लाने को रिकॉर्ड करेगा. इसके साथ ही इंटरनेट हिस्ट्री का अध्य्यन भी करेगा. इन सबके आधार पर आत्महत्या की जोखिम का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके बाद यह टूल मूल्यांकन के आधार पर व्यक्ति के माता-पिता, रिश्तेदार,शिक्षकों, संस्थाओं के अधिकारियों और काउंसलर को एक अलर्ट भेज देता है.बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने हासिल किया पेटेंटडॉ. द्विवेदी ने बताया कि इस टूल को भारत सरकार के विज्ञान विभाग द्वारा चलाए जा रहे हैं एक प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. इसको पेटेंट भी मिल चुका है. यह टूल आत्महत्या करने से पहले ही सहायता उपलब्ध कर जान बचाने में मददगार साबित होगा. विश्वविद्यालय का प्रयास है कि इस टूल को अगले 6 महीने में लोगों के बीच लाया जा सके. हमें उम्मीद है कि इससे आत्महत्या के मामलों में कमी आयेगी..FIRST PUBLISHED : October 13, 2023, 19:12 IST

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