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कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. बस्ती में एक तरफ जहा अन्नदाता रात रात भर जग कर आवारा पशुओं से फ़सल की रखवाली कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ छुट्टा पशुओं की वजह से आए दिन एक्सिडेंट में इजाफा हो रहा है. विभाग कागजों में आंकड़े का खेल खेलने में व्यस्त है. जिम्मेदारों द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने और उनको गौशाला में संरक्षित करने के मामले में फर्जी आंकड़ों के आधार पर प्रशासन से लेकर शासन तक को सिर्फ गुमराह करने का कार्य किया जा रहा है.

आपको बता दे कि अक्टूबर माह में विभाग द्वारा अपने रिपोर्ट में जनपद में मात्र 279 आवारा पशुओं को दिखाया गया था, जबकि यही आंकड़ा अब बढ़कर 7526 हो गया है. शासन प्रशासन के कड़ाई के बाद जबकि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. उसके बाद भी दो माह में 7 हजार से अधिक आवारा पशु कैसे बढ़ गए. इसपे सवालिया निशान उठना लाजमी है. साथ ही सम्बन्धित विभाग और उनके जिम्मेदारों के कार्यशैली भी स्पष्ट रूप से उजागिर हो रहे हैं.क्या कहते हैं आंकड़ेजनपद में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 12712 कुल आवारा पशु मौजूद हैं. जिसमें से 4323 निराश्रित पशुओं को संरक्षित किया जा चुका है. वही 863 पशुओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि अभी भी रोड और किसानों के खेतों में 7526 आवारा पशु विचरण कर रहे हैं. जनपद में 56 अस्थाई गौशाला, 4 बृहद गो संरक्षण केन्द्र, 4 काजी हाउस, तीन पंजीकृत गौशाला, दो कान्हा गौशाला मौजूद है, फिर भी आवारा पशुओं को पकड़ने का कार्य सिर्फ कागजों तक में ही निहित होकर रह गया है.आवारा पशुओं को पकड़ने का काममुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ ए.के. तिवारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर हम लोगो द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने और उनको गौशाला में संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है. शेष बचे सभी आवारा पशुओं को जल्द से जल्द पकड़ के गौशाला में संरक्षित कर लिया जाएगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Basti news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : January 07, 2023, 19:31 IST

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