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अंजली शर्मा/कन्नौज. मौसम के उतार-चढ़ाव के मद्देनजर कन्नौज जिले में कृषि वैज्ञानिकों ने इस पर शोध कर कर ऐसे पौधों की फोर्स तैयार की है जो मौसम के किसी भी परिस्थिति में होने के बावजूद भी मजबूती से खड़े होंगे. ये पौध किसानों की पैदावार के साथ-साथ उनकी आय की भी बढ़ोतरी कराएंगे. इन पौधों को तैयार करने के लिए एक खास विधि का भी प्रयोग किया गया है.

जनपद के उमर्दा क्षेत्र में सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल सेंटर में कृषि वैज्ञानिकों ने इजराइली टेक्नोलॉजी आधारित पौधों की फौज तैयार की है जोकि पूरी तरह से जैविक होगी. इसमें मिट्टी का प्रयोग नहीं होता और यह पौध किसानों के लिए भी बहुत लाभदायक होगी. इन पौधों की कीमत 1 से 2 रूपए तक की है. इस जैविक पौध से किसानों की फसलों में बढ़ोतरी होगी और उसकी आय भी बढ़ेगी.

2 देशों के सहयोग से बना सेंटर

जनपद के उमर्दा क्षेत्र में बना यह वेजिटेबल सेंटर भारत और इजराइल के सहयोग से बना हुआ है. इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल सेंटर में इजराइली टेक्नोलॉजी आधारित पौध तैयार की जाती है. यह पौध पूरी तरह से जैविक होती है.

कौन-कौन से पौध होते तैयार

इस सेंटर में टमाटर,बैंगन शिमला मिर्च,मिर्च,पतली मिर्च गोभी,लौकी,तोरई,कद्दू जैसे फसलों की पौध को तैयार किया जाता है. पौध को तैयार करते समय इजराइल की पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है. यह पौध बिना मिट्टी के तैयार किए जाते हैं. एक विशेष प्रकार के सांचे में इसको जमीन से करीब 4 फुट के ऊपर रखा जाता है. जहां पर यह विशेष तरह की देखरेख में तैयार किए जाते हैं.

खास विधि का प्रयोग किया गया

कृषि वैज्ञानिक प्रवीण कुमार ने बताया कि बीते काफी समय से मौसम का जिस तरह से उतार-चढ़ाव चल रहा है. ऐसे में किसान अपने खेतों में पौध को तैयार नहीं कर पाता. हमारे यहां इजराइली पद्धति के आधार पर पौध को तैयार किया जाता है. यहां पर बारिश हो पाला गिरे कोई भी समस्या हो हमारे यहां बहुत अलग तरीके से पौध तैयार किए जाते हैं. इन पौधों में मिट्टी का प्रयोग नहीं किया जाता. यह पौध पूरी तरह से जैविक होते हैं.

किसानों के लिए है लाभदायक

हमारे यहां से अगर किसान को पौध लेना है तो उसको दो तरीके से पौध मिल सकते हैं एक तो किसान को अपना बीज देना होता है तब किसान को ₹1 में पौध मिल जाता है और दूसरे पौध के सामान्य रेट है. हमारे यहां औसतन लौकी, तोरई, कद्दू का पौध 15 से 20 दिन में और टमाटर का पौधा 30 दिन में और मिर्च का पौधा 35 दिन में तैयार हो जाता है. इस समय हमारे यहां 3550 पौध तैयार किए जा चुके हैं. हमारे यहां स्वैलरलैस कल्चर से पौध को तैयार किया जाता है.
.Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 07, 2023, 21:17 IST

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