[ad_1]

Benefits of Bhujangasana: भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जाता है. इसके नियमित अभ्या से रीढ़ की हड्डी को सीधी और लचीली बनाने के साथ फेफड़ों को खोलने में मदद मिलती है. खास बात ये भी है कि भुजंगासन मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी फायदेमंद माना जाता है. योग विशेषज्ञों के मुताबिक भुजंगासन का रोजाना अभ्यास संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है. 
भुजंगासन दो शब्दों भुजंग और आसन से मिलकर बना है. इस योग में सांप की तरह अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है. अगर आपको पेट संबंधी कोई भी समस्या है, तो रोज़ाना भुजंगासन करें.
भुजंगासन करने का तरीका (how to do bhujangasana)
सबसे पहले समतल जमीन पर दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं और थोड़ी देर आराम करें.
इसके बाद पुश अप मुद्रा में आकर शरीर के अगले हिस्से को उठाएं.
इस आसान को अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है.
इस मुद्रा में अपनी शारीरिक क्षमता अनुसार रहें.
फिर पहली अवस्था में आ जाएं. इसे रोजाना दस बार जरूर करें.
भुजंगासन के जबरदस्त फायदे (Amazing benefits of Bhujangasana)
बेडौल कमर को पतली-सुडौल व आकर्षक बनाता है.
इसे रोज़ाना करने से लंबाई बढ़ती है.
इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
कंधों और बाहों को मजबूती प्रदान होता है.
शरीर में लचीलापन बढ़ता है.
तनाव और थकान को दूर करता है.
भुजंगासन से हृदय स्वस्थ रहता है.
अस्थमा के लक्षणों में आराम मिलता है.
पीठ दर्द से आराम मिलता है.
सावधानियां
हर्निया से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को ना करें.
पेट दर्द होने पर यह आसन ना करें.
गर्भवती महिलाएं इस आसन को बिल्कुल ना करें.
हाथ, पीठ और गर्दन में दर्द या चोट है तो इसे न करें.
आसन करते समय अपने सर को पीछे की ओर ज्यादा ना झुकाएं वरना मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है.
Freckle Removal Tips: ये 4 चीजें चेहरे पर लगाने से दूर हो जाएंगी झाइयां, मिलेगा जबरदस्त निखारDisclaimer:
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.
 

[ad_2]

Source link