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अंजलि सिंह राजपूत/लखनऊ. हर किसी के जीवन में एक ऐसा पल आता है जो उसकी पूरी जिंदगी को पलट कर रख देता है. ऐसा ही कुछ हुआ इटावा के रहने वाले अनुराग दीक्षित के साथ, जिन्होंने एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लिया. अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे तो शुरुआत से ही खूब प्यार मिला. इटावा से ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की फिर कानपुर विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और इसके बाद दिल्ली के आईसीआईसीआई बैंक में मैनेजर के पद पर नौकरी करने लगे.

वर्ष 2007 में उनकी शादी हो गई. सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन वर्ष 2008 में उनका जीवन पूरी तरह से पलट गया. वह अपने गुरु गोपाल कृष्ण गोस्वामी की शरण में पहुंचे और उन्होंने बताया कि मनुष्य जीवन क्षणिक है, मृत्यु हम सबकी होनी है. ऐसे में आपके जीवन भर की मेहनत धन, रिश्ते और संपत्ति सब कुछ पल भर में बेकार हो जाएगा. खत्म हो जाएगा. ऐसे में साथ जो जायेगा वो होगा सच्चा कर्म जो आपने किया होगा. यह बात उनके दिमाग में इस कदर बैठ गई कि उन्होंने अपनी पत्नी से आज्ञा लेने के बाद सभी सांसारिक सुखों को छोड़कर कृष्ण भक्ति की लीला में लग गए और उनको उनके गुरु ने नई पहचान अपरिमेय श्याम दास के रूप में दी. वर्तमान में लखनऊ मंडल की इस्कॉन मंदिर में प्रेसिडेंट हैं. लोग इन्हें इस्कॉन मंदिर का महंत भी कहते हैं.

पड़ोसियों ने कहा पागल हो क्या बेटाअपरिमेय श्याम दास ने बताया कि जब उन्होंने यह फैसला किया था तो माता-पिता को कम तकलीफ हुई थी. लेकिन पड़ोस के लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि बेटा पागल हो गया है, अभी तो विवाह हुआ था. इतनी अच्छी नौकरी कर रहा था. सब कुछ छोड़ने को तैयार है. यह सब सुनकर माता-पिता को ज्यादा तकलीफ हुई थी. वह बताते हैं कि वर्तमान में उनकी पत्नी है, माता पिता हैं और तीन बेटियां हैं. परिवार के भरण पोषण के साथ ही वह कृष्ण भक्ति में लगे हुए हैं और लोगों को धर्म ग्रंथों में लिखा हुआ सत्य बता रहे हैं.

गीता को पढ़ने का दे रहे संदेशवह आगे बताते हैं कि कॉलेज और स्कूल में जाकर वह छात्र छात्राओं को गीता पढ़ने का संदेश दे रहे हैं क्योंकि गीता से अपने पूरे जीवन को व्यवस्थित किया जा सकता है. साथ ही यूट्यूब के माध्यम से भी वह धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं. वह आगे कहते हैं कि जीवन में सफल होना है तो गीता पढ़ें.
.Tags: Local18, Lord krishna, Religion 18FIRST PUBLISHED : July 21, 2023, 12:56 IST

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