[ad_1]

रिपोर्ट – अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. धर्म नगरी काशी में भाई बहन के प्यार का पवित्र त्योहार भाई दूज बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इस खास दिन बहनें अपने भाइयों की लम्बी उम्र की कामना से गोबर का गोवर्धन बनाकर पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान कथा सुनने की परंपरा है. एक अनोखी परंपरा यह भी है कि बहनें भाइयों की लम्बी आयु की कामना के लिए उन्हें श्राप देती हैं. इसके बाद बहनें जीभ पर कांटा चुभा कर इसके लिए क्षमा मांगती हैं. वाराणसी के तमाम मुहल्लों और चौक चौराहों पर आज ये पूजा हो रही है.
इस बार भाई दूज का त्योहार कहीं बुधवार तो कहीं गुरुवार को मनाया जाएगा. वाराणसी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि इस दिन बहनें अपने भाइयों को मरने का श्राप देती हैं और फिर इसके लिए कांटा चुभाकर क्षमा मांगती हैं. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है. मान्यता है कि भाइयों को श्राप देने और अपशब्द कहने से उन्हें यमराज का भय नहीं होता है.
क्या है इस परंपरा के पीछे कथा?

कथा के अनुसार एक बार यम और यमनी संसार में ऐसे व्यक्ति के खोज में विचरण (घूम) कर रहे थे, जिसकी बहन उन्हें कभी श्रापित और अपशब्द नहीं कहा हो. ऐसे भाई को वो अपने साथ यमलोक ले जाना चाहते थे. विचरण के दौरान उन्हें एक ऐसा व्यक्ति भी मिला, लेकिन जब इसकी जानकारी उसके बहन को हुई तो उसने अपने भाई की रक्षा के लिए उसे श्राप दिया और अपशब्द भी कहे. तब यमराज और यमनी उसके भाई के प्राण नहीं हर सके. बस तभी से यह परम्परा चली आ रही है.

इस तरह त्योहार मनाती हैं बहनें

पूजा कर रही अंजना वर्मा ने बताया कि इस दिन गोवर्धन की पूजा के बाद हम लोग चना कूटते हैं और फिर घर जाकर भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाते हैं. साथ ही उनकी आरती उतार भगवान से उनकी लंबी आयु की कामना भी करते हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Bhai dooj, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 14:22 IST

[ad_2]

Source link