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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन होना जितना मुश्किल माना जाता है, उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल खुद को टीम इंडिया में बरकरार रखना होता है, क्योंकि टीम के बाहर भी कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर तगड़ा कॉम्पिटिशन देते हैं. भारत के 2 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनका करियर मुश्किल में फंसा हुआ है और उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे भी लगभग बंद नजर आ रहे हैं. आइए नजर डालते हैं इन 2 खिलाड़ियों पर: 
1. कुलदीप यादव
एक समय ऐसा था जब चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव को टीम इंडिया की सबसे मजबूत कड़ी माना जाता था, लेकिन अब वह भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर हो गए. सही मायने में कुलदीप के करियर की उल्टी गिनती महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद से ही शुरू हो गई थी. जब से महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा है, तब से कुलदीप के तेवर ढीले पड़ गए. कुलदीप की गेंदबाजी की चमक मंद पड़ गई. कुलदीप यादव ने टीम इंडिया के लिए 23 टी-20 इंटनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 14.21 की औसत और 7.15 की इकॉनोमी रेट से महज 41 विकेट अपने नाम किया. उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर 5/24 रहा जो उन्होंने साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में हासिल किया था.
कुलदीप यादव में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. वो एक खास तरह की गेंदबाजी करना जानते हैं जिसे ‘चाइनामैन बॉलिंग’ कहा जाता है. ये बेहद अनोखी बॉलिंग स्टाइल है, इसमें बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है. इसके बावजूद वो काफी वक्त से कंसिस्टेंट नहीं हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. कुलदीप यादव आखिरी बार जुलाई 2021 में श्रीलंका दौरे पर खेलते नजर आए थे. कुलदीप यादव श्रीलंका टूर पर मिले मौके को भुनाने में नाकाम रहे थे, उन्होंने इस दौरान 2 टी-20 इंटरनेशनल मैच में 23.00 की औसत और 7.66 की इकॉनमी रेट से महज 2 विकेट हासिल किए थे. यहीं से उनके लिए राहें मुश्किल हो गईं.
2. मनीष पांडे
मनीष पांडे का इंटरनेशनल करियर लगभग खत्म माना जा रहा है, क्योंकि टीम इंडिया में बेस्ट से बेस्ट खिलाड़ी मौके के इंतजार में हैं. मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए अब तक 39 टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने की 44.31 औसत और 126.15  की स्ट्राइक रेट से 709 रन बनाए. मनीष पांडे कभी कंसिसेटेंट नहीं रहे और यही वजह है कि उनका टीम इंडिया में आना और जाना लगा रहा. अब लगता नहीं कि वो कभी वापसी कर पाएंगे. आईपीएल 2021 में भी मनीष पांडे सनराइजर्स हैदराबाद की टीम के लिए कमजोर कड़ी साबित हुए थे. मनीष पांडे की फ्लॉप बल्लेबाजी के कारण पूरा मिडिल ऑर्डर तहस-नहस हो जाता था, जिस वजह से टीम को भारी नुकसान उठाना पड़ता था. इस खिलाड़ी को एक वक्त पर टीम इंडिया का भविष्य माना जाता था, लेकिन इनका बल्ला ज्यादातर शांत रहा. मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए शानदार डेब्यू किया था. उन्होंने साल 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ 86 गेंदों पर 71 रन बनाए थे. इसके बाद अगले ही साल उन्होंने सिडनी में 81 गेंदों पर 104 रन बनाए और टीम की जीत पक्की की. लेकिन इसके बाद वो  टीम इंडिया से लगातार अंदर बाहर होते रहे. इंजरी ने भी उनसे कई बड़े मौके छीने. शानदार शुरुआत को वो बड़े करियर में तब्दील नहीं कर सके.
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