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कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. कोरोना संकट के दौरान विद्यालयों द्वारा ली गई फीस का 15 प्रतिशत वापस किए जाने संबंधी न्यायालय के आदेश का पालन यहां नहीं हो पा रहा. इसे लेकर पूरी तरह से बेफिक्री है. जिम्मेदारों ने इसे लेकर निर्देश तो जारी कर दिया लेकिन इसका पालन कराने की सुध नहीं ली जा रही. नतीजा यह है कि अभिभावकों को अभी भी फीस वापस होने या सत्र में समायोजित होने का इंतजार है.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जब लॉकडाउन लगा था तो उस काल में भी विद्यालयों द्वारा छात्र-छात्राओं से फीस ली गई थी. इसमें यूपी बोर्ड के अलावा सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के विद्यालय भी शामिल रहे. उस समय अभिभावकों ने इसका विरोध जताया था. कुछ अभिभावकों ने इसे लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

हाईकोर्ट ने दिया था आदेशकोरोना काल में स्कूल बन्द रहे, कुछ स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास संचालित किए थे. जिनमें कुछ ही विद्यालय सफल हो सके थे, कुछ विद्यालय दिखावा मात्र ही ऑनलाइन क्लासेस संचालित था. बावजूद अभिभावकों से पूरी फीस ली गई थी, पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी, लिमिटेड स्लेबस, ऑनलाइन होमवर्क और ऑनलाइन ही एग्जाम. जिसका अर्थ न मात्र ही रह गया था. जब जबरदस्ती फीस वसूलने की आवाज अभिभावकों द्वारा उठाया गया तो हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए स्कूल संचालको को फीस का 15 फीसदी रकम वापस करने का आदेश दिया था. बावजूद स्कूल संचालकों ने मनमानी रवैया अपनाया और फीस वापस नहीं किया, जिसका विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है.

स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारीजिला अभिभावक संघ अध्यक्ष रामजी पाण्डेय ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुछ विद्यालय ने तो फीस वापस कर दी थी. लेकिन अभी भी दो दर्जन से अधिक स्कूल ने फीस वापस नहीं किए हैं. जिनके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा.जिला विद्यालय निरीक्षक डीएस यादव ने बताया कि शासन से आदेश मिलने के बाद सभी विद्यालयों को पत्र जारी कर फीस का 15 फीसदी रकम वापस करने के लिए कहा गया था. बावजूद अगर किसी विद्यालय ने फीस वापस नहीं की है तो उसके खिलाफ़ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Basti news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : April 30, 2023, 17:07 IST

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