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संजय यादव/बाराबंकी: बाराबंकी मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर तहसील सिरौलीगौसपुर के बरौलिया गांव में स्थित महाभारत कालीन पौराणिक देववृक्ष पारिजात इस वक्त पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. ये ऐतहासिक धरोहर पारिजात वृक्ष कई वर्षों बाद अपने सुंदर स्वरूप में दिखाई दे रहा है. करीब चार माह के पतझड़ के बाद पहले इस वृक्ष में हरी-भरी पत्तियां आईं और अब इस पेड़ में सैकड़ों की संख्या में स्वर्ण आभा वाले सुन्दर पुष्प निकले हैं, जोकि पर्यटकों को मोहित कर रहे हैं.

इन पुष्पों की खुशबू से पूरा पारिजात परिसर सुगंधित बना हुआ है. जिसको देखने के लिए दूर-दूर से रोज हजारों की संख्या में पहुँच रहे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. यहां आने वाले सभी पर्यटक इन सुंदर पुष्पों के साथ खूब सेल्फी भी ले रहे हैं. लोग पुष्प को अपने साथ ले जाने का जतन भी कर रहे हैं. यहां के लोगों का कहना है कि पारिजात वृक्ष के पुष्प को रखने से मन में शांति एवं धन की प्राप्ति होती है. जिसके लिए लोग इस सुंदर पुष्प को ले जाने के लिए व्याकुल रहते हैं.

अति दुर्लभ देव वृक्ष पारिजात जिले का गौरववहीं इस समय सबसे ज्यादा पर्यटक हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, लखनऊ, बहराइच और सीतापुर से इसको देखने के लिए काफी ज्यादा संख्या में लोग यहां पहुंच रहे है. यहां के पुजारी बाबा मंगलदास ने बताया कि इस बार वृक्ष में किसी प्रकार की कोई बीमारी व रोग नहीं लगा है. इसलिए इतनी तादाद में पुष्प आए हैं. पुष्प के चलते करीब एक माह तक इसी तरह सुंदरता बनी रहेगी.

देववृक्ष के दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं सारे कष्टपर्यटकों ने बताया कि ऐसा विशाल पेड़ हमने कहीं नहीं देखा इसके जो पुष्प है काफी बड़े और सफेद कलर के हैं जो काफी अच्छे लग रहे हैं और इस पेड़ के नीचे आने से एक अलग तरह का सुकून मिलता है. हमने सुना है परिजात वृक्ष की पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनापूर्ण हो जाती हैं. पर्यटको ने बताया कि-हम हमेशा आते हैं परिजात वृक्ष के दर्शन करने,इससे पहले जो हमने मांगा वो सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो हुई हैं. इसलिए हम हर साल यहां आते हैं.
.Tags: Barabanki News, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : June 25, 2023, 19:18 IST

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