[ad_1]

संजय यादव/बाराबंकी. जिले के किसान गेहूं, धान, गन्ने आदि पारंपरिक फसलों की तुलना में सब्जियों की खेती से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. जिले में अब सब्जियों की भी बड़े पैमाने पर खेती होने लगी है. ऐसे में करेले की खेती से परंपरागत खेती की तुलना में किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जनपद के युवा किसानों का रुझान अब करेला, गोभी, शिमला, मिर्च आदि की खेती की ओर आकर्षित हो रहा है.

बाराबंकी के गोडारी गांव के रहने वाले विवेक चौहान ने आधुनिक तरीके से सब्जियों की खेती के माध्यम से अपनी तकदीर बदली. विवेक ने नई तकनीक के प्रयोग से फसलों को उगा रहे हैं. इस विधि से खेत में खरपतवार नहीं लगता. साथ ही बाहर से कीट नहीं आते और रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता. इसके आलावा जैविक खाद का प्रयोग कर करैला, बैंगन, गोभी आदि सब्जियों की पैदावार कर जिले में स्वादिष्ट एवं पौष्टिक करेले की खेती से आज तीन एकड़ में 3 से 4 लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं.

परंपरागत खेती छोड़ दूसरी चीजों की कर रहे किसानीविवेक चौहान ने बताया कि पहले हम परंपरागत खेती करते थे पर उसमें हमें कोई खास मुनाफा नहीं हो पाता था, फिर हमने सब्जियों की खेती की तरफ रुख किया. जिसमें गोभी, बैंगन, करेला आदि सब्जियों की खेती एक एकड़ से शरुआत की. उसमें हम अच्छा मुनाफा देखा. आज हम 3 एकड़ में करेले की खेती कर रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है. इसमें हम जैविक खाद का उपयोग करते हैं जो केमिकल युक्त रहती हैं.

लागत कम मुनाफा ज्यादाकिसान ने बताया कि इस खेती में लागत कम मुनाफा अच्छा है. एक एकड़ में 30 से 40 हजार रुपये लागत आती है और मुनाफा एक एकड़ में एक लाख रुपये का हो जाता है. अगर 3 एकड़ की बात करें तो तीन से चार लाख रुपए तक एक फसल पर आराम से मुनाफा हो जाता है. ये फसल दो महीने में तैयार हो जाती है. मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूं थोड़ी करेले की खेती जरूर करें जिससे आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
.Tags: Barabanki News, Local18, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 23:37 IST

[ad_2]

Source link