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संजय यादव/ बाराबंकी : उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला मेंथा की खेती का गढ़ माना जाता है. गेहूं और आलू की फसल के बाद किसान मेंथा की ही फसल लगाते थे. आमतौर पर आलू और गेहूं की फसल में नुकसान होने के बाद जब किसानों की लागत भी नहीं निकल पाते थे तो अधिकतर किसान मेंथा की फसल लगाते थे. जिससे उन्हें अच्छी कीमत मिलती थी. पर इधर कुछ वर्षों से मेंथा की खेती से किसानों का मोह अब धीरे-धीरे भंग हो रहा है.

लेकिन कुछ साल से तेल का वाजिब मूल्य नहीं मिलने से किसान मेंथा की खेती कर पछता रहे हैं. एक दशक पूर्व जब मेंथा की खेती की शुरुआत की थी, उस समय मेंथा के तेल की कीमत 18-19 सौ रुपये प्रति लीटर थी. कई वर्षों से तेल की कीमतों में लगातार गिरावट होने से किसानों की कमर टूट गई है. अब मेंथा की खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है जिसके कारण किसानों का मोहभंग हो रहा है.

नहीं मिल रहा किसानों को सही रेटबाराबंकी के किसान मेंथा की खेती से हटकर अन्य फसलों की तरफ अग्रसर हो रहे हैं. किसानों का मानना है मेंथा की खेती में लागत भी ज्यादा लगती है और पैदावार भी कम होने के साथ सही रेट भी नहीं मिल पाता. जिसके कारण मेंथा की खेती का रकबा घटता जा रहा है.पहले जिले में करीब 1लाख हेक्टेयर में मेंथा की खेती होती थी पर इधर एक दो सालों में इसका रकबा घटकर करीब 70 से 80 हजार ही रह गया है.

मेंथा की खेती में मेहनत ज्यादा मुनाफा कमएक किसान ने बताया कि पहले मैं करीब दो से ढाई एकड़ में मेंथा की खेती करता था अब इस समय करीब 2 से 3 बीघा में इसकी खेती कर रहा हूं. इस खेती में काफी ज्यादा मेहनत लगती है और रेट भी सही नहीं मिल पा रहा है और इस फसल में रोग भी काफी ज्यादा लगते हैं जिससे कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव ज्यादा करना पड़ता है और करीब सात-आठ बार सिंचाई करनी पड़ती है. मेहनत भी अधिक है. फसल की रोपाई से पेराई तक किसान पस्त हो जाते हैं. इसलिए हम लोग मेंथा की खेती से हटकर तरबूज और खरबूजे की खेती करने लगे हैं.

कम हुआ खेती का रकबावहीं जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार ने बताया बाराबंकी जिले में करीब एक लाख हेक्टर में मेंथा की खेती होती है पर इधर दो-तीन सालों से इसमें गिरावट आई है. मेंथा की फसल की कीमतों में दो से तीन सालों से कोई बदलाव नहीं हुआ है. मेंथा का रेट 900 से 1000 रुपए के बीच स्थिर हो गया है जिसकी वजह से किसानों का मोहभंग हो रहा है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 23:00 IST

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