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किसान आदिल हसन ने बताया इस खेती में लागत न के बराबर है, क्योंकि इसकी जुताई की जाती है और साथ में नए पेड़ भी बीच-बीच में लगा देते हैं. जिससे हमारे नए पौधे तैयार हो जाते हैं.

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