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कनाई पाल ने बताया कि यहां जो मां दुर्गा की मूर्तियां तैयार की जाती हैं उनमें खास तौर से बंगाल के गंगा नदी के घाट से लाई गई मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. मूर्ति में बिल्कुल भी पीओपी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

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