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अयोध्या: भगवान राम की अयोध्या, राजा राम की अयोध्या, सिया पति राम की अयोध्या. इस अयोध्या की प्रशंसा खुद भगवान रामचंद्र ने भी की है, जिस पर गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है- अति प्रिय मोहि अवध के बासी, मम धामदा पुरी सुख रासी॥ हरषे सब कपि सुनि प्रभु बानी, धन्य अवध जो राम बखानी.त्रेता युग में शुरू हुई राम नाम की परंपरा अब अयोध्या में नई पहचान बना रही है. दूरदराज से अयोध्या आने वाले श्रद्धालु भगवान राम के नाम का ठप्पा माथे और चेहरे पर बखूबी लगाकर राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और दशरथ महल में दर्शन-पूजन कर रहे हैं. एक तरफ जहां प्रभु श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ रामनगरी पहुंच रहे युवा अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ रहे हैं. साथ ही अयोध्या आकर भगवान राम के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों को देख-समझ रहे हैं.राम नाम से होती है शुरुआतपंडित नीरज गोस्वामी ने बताया कि अयोध्या जिसके कण-कण में भगवान राम का वास है, उस नगरी की दिनचर्या राम नाम से ही शुरू होती है. लोग सुबह उठते ही एक दूसरे को पहली मुलाकात में ‘जय श्रीराम’ कहते हैं. इसी से दिन शुरू होता है और यही रामनगरी की खास पहचान है.हमारे हृदय में वास करते हैं रामअंबेडकर नगर से अयोध्या दर्शन-पूजन करने पहुंचे श्रद्धालु दिव्यांश द्विवेदी बताते हैं कि भगवान राम का नाम सिर्फ हमारे माथे और गाल पर प्रदर्शित ही नहीं हो रहा है, वह हमारे हृदय में भी वास करते हैं. हम उनके दर्शन के लिए आए हैं. हमारे आज के युवा अपनी संस्कृति और सभ्यता से भटक चुके हैं. उनको यह नहीं पता कि भगवान राम के आदर्शों पर किस प्रकार से चलना चाहिए.योगी सरकार ने बदली तस्वीरप्रयागराज से अयोध्या पहुंची श्रद्धालु डॉ. नीलम गुप्ता बताती हैं कि हमने यहां भगवान राम के दर्शन किए और हनुमान गढ़ी पर विराजमान पवनपुत्र का भी आशीर्वाद लिया. अयोध्या में प्रदेश की योगी सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. हमें गर्व हो रहा है कि हम हिंदू हैं. हम यहां आकर राम नाम से जुड़े हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : January 21, 2023, 19:42 IST

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