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हाइलाइट्सजिस तरह की धाराएं हैं उसके तहत अतीक अहमद और अशरफ को कड़ी सजा मिल सकती हैअदालत इस केस में दोनों को आजीवन कारावास या मृत्युदंड यानी फांसी की भी सजा सुना सकती हैअतीक को गुजरात से प्रयागराज लाया जा रहा हैप्रयागराज. उमेश पाल अपहरण केस में 16 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मंगलवार को प्रयागराज की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट फैसला सुनाएगी. इसी मुकदमे की पैरवी से लौटते वक्त 24 फरवरी को उमेश पाल को घर के बाहर ही सुलेमसराय इलाके में गोलियों और बमबाजी से हमला कर मौत के घाट उतार दिया गया था. इस शूटआउट में दो सरकारी गनर राघवेंद्र सिंह और संदीप निषाद भी मारे गए थे. कोर्ट के फैसला सुनाए जाने को लेकर आरोपी बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को साबरमती जेल और उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है.

उमेश पाल की पत्नी जया पाल और मां शांति पाल के साथ ही सभी लोगों की निगाहें एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है. कोर्ट मुकदमे के आरोपियों की मौजूदगी में कल यानी मंगलवार की सुबह 11 बजे अपना फैसला सुनाएगी. एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई पूरी होने के बाद 17 मार्च को फैसला रिजर्व कर लिया था. उमेश पाल अपहरण केस में जिस तरह से अभियोजन ने मजबूत पैरवी की है, कुल आठ गवाहों के बयान दर्ज कराए हैंं इसको देखते हुए एडीजीसी क्रिमिनल सुशील कुमार वैश्य और स्पेशल काउंसिल एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट वी के सिंह का कहना है कि अदालत आरोपियों को सख्त फैसला सुना सकती है.

उनके मुताबिक मुकदमे में जिस तरह की धाराएं हैं उसके तहत अतीक अहमद और अशरफ को आजीवन कारावास या मृत्युदंड यानी फांसी की भी सजा सुनाई जा सकती है. आपको बता दें कि 25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में राजू पाल के साथ ही देवीलाल पाल और संदीप यादव भी मारे गए थे. इस हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे. राजू पाल हत्याकांड में गवाही न देने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अतीक अहमद ने अपहरण कर लिया था. धूमनगंज थाना क्षेत्र के फांसी इमली के पास से लैंड क्रूजर गाड़ी से अपहरण कर चकिया स्थित कार्यालय ले जाया गया, जहां पर तीन दिनों तक उमेश पाल को टॉर्चर किया गया और 1 मार्च 2006 को अपने पक्ष में कोर्ट में गवाही दिलाई गई.

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इस मामले में सूबे में बसपा की सरकार बनने के बाद 5 जुलाई 2007 को उमेश पाल ने धूमनगंज थाने में अपने अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान,आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को आरोपी बनाया था.

हालांकि मुकदमे की सुनवाई के दौरान अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा की मौत हो चुकी है. इस मुकदमे में कुल 10 आरोपी मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश होंगे, जिन्हें कोर्ट सजा का ऐलान करेगी.
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